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बच्चों में Self Confidence बढ़ाने के लिए अपनाएं ये टिप्स

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 30 Mar, 2020 10:08 AM
बच्चों में Self Confidence बढ़ाने के लिए अपनाएं ये टिप्स

सभी माता-पिता अपने बच्चों को हर फील्ड में आगे देखना चाहते हैं। मगर इसके लिए पेरेंट्स को भी उनका आत्मविश्वास, मनोबल बढ़ाने की जरूरत होती है। किसी भी काम को करने के लिए उन्हें अपने माता-पिता और अध्यापकों का सहयोग और योगदान चाहिए होता है। ऐसे में बच्चों के अंदर कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए अपनाएं ये आसान से टिप्स...

 

टाइम स्पेंड करें

बच्चों को सही दिशा दिखाने के लिए सबसे पहले आपको जिम्मेदार पेरेंट्स और अध्यापक बनने की जरूरत है। ऐसे में बच्चों के साथ अधिक समय स्पेंड करें। उनके हर काम पर ध्यान दें। इसके साथ उसको सही- गलत की पहचान करवाएं। जहां उसकी गलती है उसे प्यार से बताएं और सही करवाएं।

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तारीफ करें

बच्चों ने चाहे पेंसिल से एक फूल ही बनाया हो। फिर भी उसकी तारीफ करें। उसे और मेहनत करने की ओर प्रोत्साहित करें। ऐसा करने से बच्चों का साहस बढ़ता है। उनमें अलग और कुछ नया करने चाह होती है।

सामना करना सिखाएं

वैसे तो कोई भी अपने बच्चों को मुश्किल या खतरे में नहीं डालना चाहता है। मगर यह जरूरी नहीं है कि आप हर पल उनके साथ रहें। ऐसे में बच्चों को हर स्थिति का सामना करना आना चाहिए। इसलिए उन्हें मुश्किल की घड़ी का सामना करने के लिए तैयार करें। इसके साथ ही उनका आत्मविश्वास बढ़ाएं कि वे हर खतरे को पार करने के लिए सक्षम हैं।

तुलना न करें

सभी का नेचर अलग-अलग होता है। ऐसे में एक बच्चे के कुछ अच्छा करने पर दूसरे को भी वैसा करने की न कहें। ऐसे में अगर दूसरा बच्चा उस चीज को करने में सक्षम नहीं होगा तो ऐसे में बच्चे का कॉन्फिडेंस  लूज हो जाएगा।

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गुणों को गिने

बच्चों की कमजोर की जगह गुणों को गिने। उन्हें उनके सामर्थ्य और रुचि के मुताबिक आगे बढ़ने के लिए हौंसला दें। बच्चों द्वारा एक भी काम अच्छा करने पर उनकी दिल खोलकर तारीफ करें।

सपनों में खोने न दें

बच्चों को काल्पनिक या यूं कहें कि सपनों की दुनिया में खोने न दें। उन्हें आगे की जिंदगी के लिए तैयार करें। उन्हें आशावादी से ज्यादा सहनशील बनाएं। उन्हें हर सिचुएशन का डट कर सामना करना सिखाएं।

बच्चों को आत्मविश्वास सिखाया नहीं जाता बल्कि उनके अंदर पैदा किया जाता हैं। बच्चे हर चीज को मन में बड़ी जल्दी बिठा लेते हैं। ऐसे में उनके पेरेंट्स और टीचर्स को रोल मॉडल यानि आदर्श बनने की कोशिश करनी होगी।

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