किसानों के दिल्ली की ओर कूच करने के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो के आठ स्टेशन पर एक या उससे अधिक प्रवेश व निकासी गेट बंद कर दिए गए हैं। हालांकि यात्रियों को अन्य गेट के जरिए प्रवेश और निकासी की अनुमति दी गयी है। इसके अलावा दिल्ली का लाल किला भी पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। ट्रैफिक प्रतिबंधों के चलते दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित एनसीआर में लोगों को कई तरह की परेशानियाें का सामना करना पड़ रहा है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पुलिस प्राधिकारियों के निर्देश पर कई स्टेशन - राजीव चौक, मंडी हाउस, केंद्रीय सचिवालय, पटेल चौक, उद्योग भवन, जनपथ और बाराखंभा रोड पर कुछ गेट बंद कर दिए गए हैं। किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए सिंघु, टिकरी और गाजीपुर सीमाओं को बंद करने के लिए कई चरणों में अवरोधक लगाने के अलावा पुलिस और अर्द्धसैन्य बलों की भारी तैनाती की गयी है।भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर लाल किला भी बंद करने का फैसला किया।
प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए सीमाओं पर किए गए उपायों के कारण मंगलवार सुबह दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वाहन चालकों को भारी जाम का सामना करना पड़ा। बॉर्डर पर यातायात धीमी गति से चला क्योंकि पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में किसानों के मार्च के मद्देनजर सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमाओं पर कई स्तर पर बैरिकेड लगाए थे।
यात्रियों को यातायात जाम से जूझना पड़ा और किसानों के प्रवेश को रोकने के लिए दिल्ली को किले में तब्दील कर दिया गया। किसानों के ‘दिल्ली चलो' मार्च के मद्देनजर पुलिस ने शहर के सीमा बिंदुओं पर कई चरणों में बैरिकेड लगाने के अलावा कंक्रीट ब्लॉक, लोहे की कीलें और कंटेनर की दीवारें बनाकर सुरक्षा बढ़ा दी है।
यह देखते हुए कि कामकाजी घंटों के दौरान हर दिन दिल्ली और गुड़गांव के बीच दो लाख से अधिक लोग यात्रा करते हैं, एक यातायात पुलिस अधिकारी ने लोगों को मेट्रो सेवाओं का उपयोग करने की सलाह दी। गाजीपुर बॉर्डर पर नोएडा और दिल्ली को जोड़ने वाले प्रमुख हिस्से के आधे भाग पर बैरिकेड लगे होने के कारण एक समय में केवल दो वाहन ही गुजर पा रहे थे। एक यात्री ने बताया कि सुबह छह बजे अपने दफ्तर के लिए निकले थीं लेकिन 9 बजे तक भी जाम में फंसे रहे।