भारत में मसालों जैसे अदरक, हल्दी, लहसुन, दालचीनी, लौंग, इलायची आदि का इस्तेमाल औषधिए रूप से किया जाता है। हालांकि बदलते समय में मसालों का इस्तेमाल कम हो गया था लेकिन कोरोना महामारी ने एक बाद भी इसकी ब्रिकी तेजी से बढ़ा दी। ऐसे में कोरोना के चलते इम्यूनिटी स्ट्रांग करने के लिए लोग ना सिर्फ हैल्दी डाइट ले रही हैं बल्कि भारतीय मसालों का भी खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। लिहाजा भारतीय मसालों का इस्तेमाल बढ़ने से इनकी डिमांड के साथ कीमतें भी काफी बढ़ गई हैं। कोरोना के चलते मसाला एक्सपोर्ट में करीब 34% तक का उछाया आया है।
विदेशी लोग भी पी रहे भारतीय काढ़ा
मसालों का इस्तेमाल सिर्फ भारत ही नही बल्कि विदेशों में भी खूब हो रहा है। विदेशी लोग भी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए परंपरागत भारतीय काढ़ा पी रहे हैं इसलिए भारतीय मसाले अब विदेशों में काफी तेजी से निर्यात किए जा रहे हैं। नतीजन, औषधीय गुणों वाले भारतीय मसाले जैसे हल्दी, सोंठ, काली मिर्च की कीमतें बढ़ गई हैं।
30% बढ़ी मसालों की कीमतें
स्पाइसेस बोर्ड ऑफ इंडिया के आकड़ों के मुताबिक, पिछले साल अप्रैल-जून महीने में विदेशों में कुल 2 हजार करोड़ भारतीय मसालों का निर्यात किया गया था, जो साल 2020 में 2 हजार 700 करोड़ तक पहुंच गया है। घरेलू कंजंप्शन के अलावा विदेशों में भी इसकी डिमांड बढ़ने से मसालों की एक्सपोर्ट्स वॉल्यूम में 34% उछाल आया है। पिछले 1 महीनों में अदरक, जीरा, सूखा धनिया, हल्दी, काली मिर्च, तेजपत्ता, करी पत्ता, लहसुन, अजवाइन, दालचीनी, सोंठ और लौंग की ट्रेडिंग प्राइस में 20 से 30% की बढ़त देखने को मिली।
सेहत के लिए गुणकारी भारतीय मसाले
भारतीय मसाले ना सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि ये सेहत के नजरिए से भी काफी फायदेमंद हैं। सर्दियों में इनकी डिमांड बढ़ जाती है क्योंकि इसके औषधीय गुण ठंड में शरीर को गर्म रखते हैं। वहीं, सौंफ, अजवाइन, काली मिर्च, लौंग जैसे छोटे-छोटे मसालें तो लंबी उम्र तक हैल्दी और फिट रखने में मदद करते हैं। वहीं, मसालों से पेट भी सही रहता है और आप कैंसर, दिल की बीमारियां, गठिया, डिप्रेशन, मोटापा जैसी समस्याओं से भी बचे रहते हैं।
हर छोटी-मोटी परेशानी का हल हैं ये मसाले
1. अजवाइन
खाने के 5-10 मिनट बाद गर्म पानी के साथ थोड़ी-सी अजवाइन लें। इससे पेट के मरोड़, अफारे, पेट दर्द, अपचन, एसिडिटी और कब्ज दूर रहेगी।
2. हल्दी
हल्दी के एंटीसेप्टिक, एंटी बायोटिक और एंटी एलर्जिक गुण सर्दी खांसी के अलावा शरीर में किसी तरह के दर्द, बाहरी व अंदरूनी चोट, फ्रेक्चर में फायदेमंद हैं। आप हल्दी वाला दूध भी पी सकते हैं।
3. जीरा
जीरे का छौंक खाना पचाने में सहायक होता हैं। साथ ही यह एसिडिटी और गैस की परेशानी को दूर रखता है। छाछ में भूना जीरा डालकर पीने से दस्त ठीक हो जाते हैं।
4. सौंठ
सौंठ की तासीर काफी गर्म होती हैं इसलिए सर्दियों में इसका सेवन गठिया या जोड़ों के दर्द को दूर रखता है।
5. अदरक-लहसुन
अदरक की चाय से सर्दी, जुकाम, खांसी, सिरदर्द ठीक से राहत मिलती हैं। वहीं, लहसुन में मौजूद एंटीबैक्टीरियल, एंटीसैप्टिक गुण भी बीमारियों से बचाने में कारगार हैं।
6. लौंग
लौंग के एंटीसेप्टिक गुण संक्रमण को दूर रखते हैं। इससे पाचन शक्ति बढ़ती हैं और दांत का जिद्दी दर्द भी दूर हो जाता है।
7. इलायची
काली इलायची की तासीर गर्म होती है इसलिए सर्दियों में इसका इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है। वहीं, हरी इलायची तनाव, एसिडिटी और सांसों में बदबू दूर करती है।
8. काली मिर्च
काली मिर्च सर्दी-जुकाम और खांसी से बचाव के साथ मलेरिया व वायरल बुखार में भी फायदा पहुंचाती हैं।
9. हींग
हींग पेट की गैस को दूर करती है। इसके अलावा गुड़ के साथ हींग खाने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
10. दालचीनी
दालचीनी का इस्तेमाल सदियो से औषधीए रूप से होता आ रहा है। इसमें कैल्शियम, मैगनीज व आयरन भरपूर होता है, जो मोटोपा, एसिडिटी सर्दी खांसी के साथ कैंसर से भी बचाव करते हैं।
11. राई
राई शरीर में गैस नहीं बनने देती और पाचन को सही रखती हैं।
12. सूखा धनिया
सूखी धनिए की तासीर ठंडी होती है, जिससे एसिडिटी, पेट की गर्मी, पेशाब या शरीर जलनसे राहत मिलती है।