23 DECMONDAY2024 1:37:51 AM
Nari

Covaxin या Covishield किससे बनती है ज्‍यादा एंटीबॉडी?

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 12 Jun, 2021 09:38 AM
Covaxin या Covishield किससे बनती है ज्‍यादा एंटीबॉडी?

कोरोना वायरस के खिलाफ इस वक्त देशभर में टीकाकरण अभियान चल रहा है। भारत में कोरोना के खिलाफ ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड भारत बायोटेक की ​कोवैक्सीन वैक्सीन लगाई जा रही है। मगर, लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि दोनों में से कौन-सी वैक्सीन अधिक कारगार है? किससे ज्यादा एंटीबॉडीज बनती हैं?  कौन सी वैक्सीन का साइड इफेक्ट सबसे कम है? अगर आपके मन में भी यही सवाल उठ रहे हैं तो परेशान ना हो... हम आपको बताएंगे कि दोनों में से कौन-सी वैक्सीन सबसे बेस्ट है।

क्या होती है एंटीबॉडी?

एंटीबॉडी इम्यून सिस्टम की मदद से शरीर में मौजूद वायरस को खत्म करने में मदद करता है। कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद एक हफ्ते में एंटीबॉडी बनने लगती है। ठीक हुए 100 कोरोना मरीजों में से सिर्फ 70-80 मरीजों में ही एंटीबॉडी बन जाती है तो कुछ मरीजों में एंटीबॉडीज बनने में 1 महीना लग जाता है।

PunjabKesari

वैक्सीन की पहली डोज के बाद हुई स्टडी

COVAT ने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज ले चुके 552 हेल्थकेयर वर्कर्स पर स्टडी करके यह नतीजा निकाला की कौन-सी वैक्सीन ज्यादा कारगार है। स्टडी के मुताबिक, कोवैक्सीन की तुलना में कोविशील्ड टीका लगवाने वाले लोगों में सीरो पॉजिटिविटी रेट (Seropositivity Rate) व एंटी-स्पाइक एंटीबॉडी काफी अधिक थे।

दोनों वैक्सीन का अच्छा रिस्पॉन्स

हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी तक वैक्सीन लगवा चुके लोगों में दोनों टीके का ही रिस्पॉन्स अच्छा रहा है। मगर, कोवैक्सीन के मुकाबल कोविशील्ड से सीरोपॉजिटिवी रेट और एंटी स्पाइक एंटीबॉडी अधिक बनती है। सर्वे के मुताबिक, 96 हेल्थकेयर वर्कर्स को कोवैक्सीन और 456 को कोविशील्ड की पहली डोज लगाई गई। सभी वर्कर्स में ओवरऑल सीरोपॉजिटिविटी रेट 79.3% रहा।

PunjabKesari

कोविशील्‍ड ने बनाई 86.6% एंटीबॉडी 

स्टडी के मुताबिक, कोविशील्ड की पहली डोज से शरीर में 86.6% एंटीबॉडी बनती है जबकि कोवैक्सीन टीके से 43.8% एंटीबॉडी डेवलप होती है।

दूसरी डोज से मिलेगी अधिक इम्यून सिस्टम

एक्सपर्ट के मुताबिक, दोनों टीके का एक डोज इम्यूनिटी बढ़ाने में कारगार है लेकिन दूसरी वैक्सीन लगवाने के बाद ही इम्यूनिटी ज्यादा बढ़ेगी। ऐसा इसलिए चूंकि वैक्सीन का 1 शॉट से बनी इम्यूनिटी 6 महीने बाद धीमी पड़ जाती है, जिससे दूसरा शॉट लेना जरूरी हो जाता है।

PunjabKesari

Related News