सर्वाइकल कैंसर को मेडिकल साइंस में गर्भाशय ग्रीवा कैंसर भी कहा जाता है, जो बच्चेदानी के मुंह के पास होता है। सर्विक्स यानी बच्चेदानी का मुंह वो जगह है जहां से बच्चा बाहर आता है। यहां पर कैंसर हो जाए तो बचना मुश्किल होता है। मगर, इस कैंसर से बचाव का एक उपाय है एचपीवी वैक्सीन। बता दें कि अब देश की पहली जेंडर न्यूट्रल HPV वैक्सीन भी लॉन्च हो चुकी है, जो महिला व पुरुष को कैंसर से बचाने में मदद करेगी।
कैंसर का खतरा 90% तक कम करती है यह वैक्सीन
यूके कैंसर रिसर्चर्स का कहना है कि मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी) वैक्सीन महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा 90% तक कम करती है। इसने 14 से 16 वर्ष की आयु की महिलाओं में कैंसर के विकास के जोखिम को 62% तक कम कर दिया है। वहीं, शोध के दौरान इसने उन महिलाओं में जोखिम को 34 प्रतिशत तक कम कर दिया, जिनकी उम्र 16-18 वर्ष थी।
अध्ययन से पता चलता है कि एचपीवी टीकाकरण गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर को उस बिंदु तक कम कर देता है जहां लगभग कोई भी वैक्सीन नहीं पहुंच पाती। आंकड़ों से पता चलता है कि 11 सालों की अवधि में (2006 से), इस टीके ने लगभग 450 सर्वाइकल कैंसर और लगभग 17,200 पूर्व कैंसर मामलों को रोका।
एचपीवी (HPV) क्या है?
HPV एक प्रकार का वायरस है, जिसके 100 से अधिक प्रकार होते हैं। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआई) ने नोट किया है कि 40 से अधिक प्रकार के एचपीवी सीधे यौन संपर्क के माध्यम से फैलते हैं। इन 40 में से दो जननांग मस्से (genital warts) का कारण बनते हैं, जबकि लगभग एक दर्जन एचपीवी गर्भाशय ग्रीवा, गुदा, ऑरोफरीन्जियल, पेनाइल, वुल्वर और योनि सहित विभिन्न प्रकार के कैंसर का कारण बनते हैं।
कैंसर से कैसे बचाती है एचपीवी वैक्सीन?
गौरतलब है कि लगभग सभी सर्वाइकल कैंसर एचपीवी के कारण होते हैं और वैक्सीन कैंसर पैदा करने वाले दो स्ट्रेन से रक्षा करती है, जो एचपीवी 16 और 18 हैं। ज्यादातर मामलों में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस को बाहर निकालने में सक्षम होती है, जिससे महिला को कोई नुकसान नहीं होता। बता दें कि वायरस से कैंसर बनने में सालों का वक्त लग जाता है इसलिए एक बार संक्रमित होने के बाद अधिकांश लोगों में कोई लक्षण विकसित नहीं होते, जिससे उन्हें पता ही नहीं चलता कि उनके शरीर में वायरस है।
एचपीवी के टीके कितने प्रकार के होते हैं और किसे लगवाना चाहिए?
. यह वैक्सीन चार तरह के एचपीवी (16, 18, 6 और 11) से बचाने में मदद करती है। ये टीके उन महिलाओं और लड़कियों में सर्वाइकल कैंसर से बचाव करते हैं जो अभी तक वायरस के संपर्क में नहीं आई हैं।
. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने सिफारिश की है कि यह टीका 11 से 12 साल की उम्र के लड़कों और लड़कियों को दिया जाए।
. व्यक्ति को एचपीवी टीका पहला यौन संपर्क स्थापित करने से पहले लगाना चाहिए। 15-26 की आयु के बीच आप कभी भी यह वैक्सीन लगवा सकती हैं।