कमजोर इम्यून सिस्टम वालों को कोरोना का अधिक खतरा है क्योंकि उनके शरीर में इससे लड़ने की ताकत नहीं होती। वहीं यह वायरस इंसान के फेफड़ों व रेस्पिरेटरी सिस्टम (श्वसन तंत्र) पर सबसे ज्यादा असर डालता है, जो व्यक्ति को मौत के दरवाजे तक ले जाता है। वहीं इसका असर ब्लड सेल्स पर भी पड़ता है। चलिए आपको बताते हैं शरीर में ब्लड सेल्स के सुरक्षा कवच को कैसे तोड़ता है कोरोना...
ब्लड सेल्स पर भी असर डालता है कोरोना
ज्यूरिक यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं के अनुसार, कोविड-19 रक्त वाहिकाओं (ब्लड सेल्स) की परत पर हमला कर शरीर के कई अंगों को खराब कर सकता है। रक्त वहिकाओं के जरिए यह शरीर के कई हिस्सों पर प्रभाव डालता है, जिसकी वजह से शरीर के जरूर अंग काम करना बंद कर देते हैं।
निमोनिया से ज्यादा खतरनाक
शुरूआत में इस वायरस की तुलना निमोनिया से की जा रही थी क्योंकि इसके लक्षण काफी हद तक उससे मिलते जुलते हैं। मगर, कोरोना वायरस निमोनिया से ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है।
ब्लड सेल्स को कैसे तोड़ता है वायरस
यह ब्लड सेल्स के लिए सुरक्षा कवच की तरह काम करने वाली एंडोथीलियम लेयर के अंदर तक दाखिल हो जाता है। इससे इम्यून सिस्टम धीरे-धीरे कमजोर होकर काम करना बंद कर देता है। वहीं इसकी वजह से ब्लड फ्लो धीमा हो जाता है, जिससे दिल, किडनी व इन्टेसटाइन की परेशानी बढ़ जाती है।
इन लोगों को अधिक खतरा
जो लोग पहले से ही किसी बीमारी जैसे ऑटो इम्यून डिसीज, हाइपरटेंशन, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और मोटापे का शिकार है उन्हें इसका अधिक खतरा है। वहीं धूम्रपान करने वाले लोग भी इसकी चपेट में जल्दी आ जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इनका इम्यून सिस्टम दूसरे लोगों की तुलना में अधिक कमजोर होता है। वहीं ऐसी स्थिति में ब्लड सेल्स का सुरक्षा कवच एंडोथीलियम लेयर भी कमजोर पड़ जाती है, जिसकी वजह से वो इसकी पकड़ में जल्दी आ जाते हैं।
सामने आ चुके हैं 3 मामले
अब तक ऐसे 3 मामले सामने चुके हैं, जहां रोगियों की 'ब्लड वेसेल्स लाइनिंग' वायरस से भरी हुई थी। इसकी वजह से उनके शरीर के कई अंग खराब हो रहे थे। इनमें से 71 वर्षीय एक बुजुर्ग मरीज हाइपरटेंशन की बीमारी से ग्रस्त था। कुछ दिन बाद ही इस शख्स की मौत हो गई थी।