मूड को ठीक करने और तनाव को कम करने के लिए म्यूजिक एक अच्छा और आसान तरीका है। संगीत में हीलिंग पॉवर होती है इसलिए कई शारीरिक और मानसिका विकारों के इलाज के लिए प्राचीन समय से ही म्यूजिक थेरेपी का इस्तेमाल किया जा सकता है। कहते हैं कि प्रेग्नेंसी में गाने सुनने से पेट में पल रहे बच्चे का बौद्धिक, मानसिक, सेंसरी, व्यवहारिक और भावनात्मक विकास अच्छे से होता है।
बच्चे कब सुनना शुरू करते हैं म्यूजिक?
ऐसा मानते हैं कि प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही बच्चा संगीत सुन सकता हैं। लेकिन वो शोर और आवाज पर प्रतिक्रिया देना प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में ही शुरू करते हैं। प्रेग्नेंसी के नौंवे हफ्ते की शुरुआत में ही शिशु के कान बनने शुरू हो जाते हैं। 18वें हफ्ते तक बच्चा सुनना शुरू कर देता है और इसके बाद हर दिन साउंड के प्रति सेंसिटिविटी में सुधार आने लगता है। 25 से 26 हफ्ते की प्रेग्नेंसी पर बच्चा बाहरी आवाजों पर प्रतिक्रिया देना शुरू कर सकता है। तीसरी तिमाही में बच्चा मां और आसपास के लोगों की आवाज सुनकर उसे पहचानने लगता है।
बेबी की मूवमेंट में सुधार
गर्भ में बच्चे भी संगीत सुन सकता है। जब बच्चा वाइब्रेशन सुनता है तो उसकी धुन के साथ मूव करने की भी कोशिश करने लगता है। इससे बच्चे के रिफ्लेक्सेस और रिएक्शन में सुधार आ सकता है।म्यूजिक रिदमिक साउंड वेव्स के रूप में बच्चे तक पहुंचता है। बच्चा इस पर ध्यान लगाता है जिससे उसके कॉग्नीटिव स्किल्स और ऑडिटरी सेंसिस उत्तेजित होते हैं। यह शिशु के मस्तिष्क के विकास के लिए अच्छा होता है।
स्ट्रेस होता है कम
प्रेग्नेंसी काफी तनावपूर्ण होती है और इसमें कई महिलाओं को तो एंग्जायटी तक हो जाती है। शरीर में हो रहे बदलावों और बच्चे की सेहत की चिंता की वजह से भी महिलाएं स्ट्रेस में रहती हैं। ऐसे में संगीत आपके स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकता है। म्यूजिक से बच्चे को भी आराम मिलता है। गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेस कम करने का यह एक असरकारी तरीका है।
बच्चे की पर्सनैलिटी
माना जाता है कि गर्भवती मां जिस तरह का संगीत सुनती है, उसका सीधा असर बच्चे की पर्सनैलिटी पर पड़ सकता है। जैसे कि अगर आप हल्का संगीत सुनती हैं तो आपका बच्चा शांत हो सकता है। वहीं, तेज और शोरगुल संगीत सुनने पर बच्चे शैतान और गुस्से वाले बन सकते हैं। हालांकि, इस बात को प्रमाणित करने के लिए कोई रिसर्च नहीं की गई है।
प्रेग्नेंसी में कितना देर सुनें संगीत?
ये तो आप सब जानते ही होगें कि किसी भी चीज की अति फायदे की जगह नुकसान पहंचाती है। इसलिए प्रेग्नेंसी में एक घंटे से ज्यादा म्यूजिक ना सुनें। अगर पेट पर हेडफोन रख रही हैं तो एक बार में 5-10 मिनट से ज्यादा समय तक ना रखें। यदि स्पीकर पर गाना चल रहा है, नार्मल वॉल्यूम पर आप दिनभर गाने सुन सकती हैं। इस बात का ध्यान रखें कि गर्भ में बच्चा ज्यादातर समय सोता है इसलिए संगीत से उसकी नींद खराब नहीं होनी चाहिए। बहुत ज्यादा म्यूजिक सुनने से बच्चे का स्लीप पैटर्न खराब हो सकता है।