
नारी डेस्क: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का कहना है कि आगामी दक्षिण-पश्चिम मानसून मौसम में भारत में सामान्य से अधिक वर्षा होने की उम्मीद है, जिससे फसलों की अच्छी पैदावार की उम्मीद बढ़ गई है। 16 से 18 अप्रैल बारिश की संभावना जताई जा रही है, जिससे अगले कुछ दिन तक गर्मी से राहत मिल सकती है। विभाग के अनुसार देश में कुल 5 साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहे हैं। आईएमडी ने कहा कि मानसून के दीर्घकालिक पूर्वानुमान के अनुसार, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर क्षेत्र के बड़े हिस्से में सामान्य से कम वर्षा होने का अनुमान है।

आज आसमान साफ रहेगा
पूर्वानुमान के अनुसार आज कई राज्यों में आसमान साफ रहेगा। शाम के समय आंशिक बादल छा सकते हैं। जमीनी सतह पर तेज हवाएं चलेंगी। इनकी गति 10 से 20 किमी प्रति घंटे रह सकती है। अधिकतम तापमान 39 और न्यूनतम 24 डिग्री रह सकता है। 17 व 18 अप्रैल को आंशिक बादल दिखाई दे सकते हैं। 19 व 20 अप्रैल को आसमान साफ रहेगा, तेज हवाएं चलेंगी। 21 अप्रैल को आसमान साफ रहेगा। हवाएं कमजोर रहेंगी। अधिकतम तापमान 37 से 39 डिग्री और न्यूनतम 23 से 25 डिग्री तक रह सकता है।
देश में बन रहे हैं पांच साइक्लोनिक सर्कुलेशन
मौसम विभाग ने बताया कि देश में पांच साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहा है, जिसकी वजह से कई राज्यों में काफी तेज बारिश और आंधी चलने की संभावना जताई गई है। बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और झारखंड में आज और आने वाले दिनों में बारिश की संभावना है। विभाग की मानें त -‘‘भारत में चार महीने (जून से सितंबर) के मानसून के मौसम में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है तथा कुल वर्षा दीर्घावधि औसत 87 सेमी का 105 प्रतिशत (पांच प्रतिशत की मॉडल त्रुटि के साथ) रहने का अनुमान है।'' मानसून के दौरान सामान्य वर्षा की 30 प्रतिशत संभावना, सामान्य से अधिक वर्षा की 33 प्रतिशत संभावना तथा अत्यधिक वर्षा की 26 प्रतिशत संभावना है।

इन राज्यों में होगी ज्यादा बारिश
मानसून के दौरान जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, तमिलनाडु, बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा होने का अनुमान है। मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बड़े हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। ये देश के मुख्य मानसून क्षेत्र हैं जहां कृषि मुख्यतः वर्षा आधारित होती है। देश के कई हिस्से पहले से ही भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं और अप्रैल से जून की अवधि में बहुत ज्यादा गर्मी पड़ने का अनुमान है। इसलिए, मानसून के मौसम में सामान्य वर्षा का पूर्वानुमान देश के लिए एक बड़ी राहत है। हालांकि, सामान्य वर्षा का यह मतलब नहीं है कि पूरे देश में हर जगह एक समान बारिश होगी। जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा आधारित प्रणाली की परिवर्तनशीलता और अधिक बढ़ जाती है।