26 APRFRIDAY2024 8:25:59 AM
Nari

शौक ने बनाया वर्ल्ड चैम्पियन, चाकू-छूरी चलाने में माहिर 68 साल की यह दादी

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 08 Nov, 2020 05:44 PM
शौक ने बनाया वर्ल्ड चैम्पियन, चाकू-छूरी चलाने में माहिर 68 साल की यह दादी

एक उम्र के बाद हर किसी का हौंसला जवाब दे जाता है लेकिन आज हम आपको 68 साल की गेलिना चूविना के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी हॉबी को खूबी बनाकर कई वर्ल्ड चैम्पियनशिप जी ली। गेलिना रशिया के छोटे से कस्बे में रहने वाली गेलिना को चाकू-छूरी से खेलना और निशाना लगाना बेहद पसंद है। चाकू-छूरी चलाने में वह इतनी माहिर हो चुकी है कोई उनसे मुकाबला नहीं कर सकता।

PunjabKesari

2007 में टैलेंट को तराशा

गेलिना नेशनल, यूरोपियन और वर्ल्ड लेवल की चैम्पियनशिप में 8 बार विजेता रह चुकी हैं। 2007 में गेलिना एक लोकल पूल में काम करती थी कि तभी उन्होंने 2 लोगों को नाइफ थ्रोइंग क्लब खोलने की बात करते हुए सुना। गेलिना ने उनसे बात करके अपना रजिस्ट्रेशन करवाया और ऐसा करने वाली वह पहली महिला भी बनी। डेढ़ महीने की ट्रेनिंग के बाद गेलिना ने एक चूंकी फेंकने वाले कॉम्पिटीशन में हिस्सा लिया और ऐसा निशाना लगाया कि वहां बैठे लोग हैरान हो गए। गेलिना ने कॉम्पिटीशन में हिस्सा ले रहे सभी 50 लोगों को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया।

PunjabKesari

कुछ लोगों ने जीत को महज इत्तेफाक बताया

हालांकि कई लोगों ने उनकी पहली जीत को महज इत्तफाक कहा लेकिन गेलिना ने ध्यान नहीं दिया। 2007, मॉस्को में हुई नेशनल नाइफ थ्रोइंग चैम्पियनशिप में उन्हें देश का सबसे बेस्ट नाइफ थ्रोअर चुना गया। इस जीत से प्रेरित होकर गेलिना एक के बाद एक कॉम्पिटीशन जीतती गई और पीछे मुड़कर नहीं देखा।

PunjabKesari

लोग बुलाते हैं 'बाबा गाल्या'

2008 में उन्होंने वर्ल्ड नाइफ थ्रोइंग चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया, जहां उनका मुकाबला 36 साल से दुनिया के बेस्ट चाकू फेंकने वाले से हुआ। मगर, अपनी हौंसले और हिम्मत से गेलिना ने उन्हें हराकर पहला पुरस्कार जीता। इसके बाद लोग उन्हें 'बाबा गाल्या' कहकर पुकारने लगे हैं जिस अर्थ दादी और ईश्वर की लहर है।

PunjabKesari

अब तक जीत चुकीं कई मेडल

2007 से लेकर अब तक गेलिना 50 मेडल जीत चुकी हैं और अब वह नेशनल प्लेयर के तौर पर जानी जाती है। हालांकि अभी भी गेलिना पेंशन के पैसों से अपना गुजारा करती है, जो महज 16 हजार रुपए हैं। पैसों की कमी के चलते वह दूसरे देशों में कॉम्पिटीश के लिए भी नहीं जा पाती। बता दें कि गेलिना कॉम्पिटीशन में हिस्सा लेने के साथ बच्चों को भी यह कला सिखाती हैं।

PunjabKesari

Related News