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इस तरह अपने दिल का ख्याल रखें और Healthy Lifestye अपनाएं

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 29 Sep, 2024 03:13 PM
इस तरह अपने दिल का ख्याल रखें और Healthy Lifestye अपनाएं

नारी डेस्क:  World Heart Day हर साल 29 सितंबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य हृदय रोगों के प्रति जागरूकता फैलाना और लोगों को दिल की देखभाल के प्रति सजग करना है। इस अवसर पर हमें अपने दिल की सुरक्षा, इसके स्वास्थ्य और उचित देखभाल की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

दिल का महत्व 

आकार और वजन मानव हृदय का आकार एक बड़ी मुट्ठी के बराबर होता है, जिसका वजन करीब 250-350 ग्राम के बीच होता है। धड़कन की गति हृदय प्रतिदिन लगभग एक लाख बार धड़कता है और गर्भावस्था के चौथे सप्ताह में धड़कना शुरू कर देता है। इसका अपना विद्युत आवेग होता है, जिससे यह शरीर से अलग होने के बाद भी ऑक्सीजन मिलने पर धड़क सकता है।

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हृदय रोगों से बचाव के उपाय

 नियमित व्यायाम

नियमित व्यायाम हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक है। हर दिन कम से कम 45 मिनट का व्यायाम करें, जिसमें कार्डियोवेस्कुलर गतिविधियां जैसे तेज चलना, दौड़ना, साइकिल चलाना या तैराकी शामिल हो सकती हैं। ये गतिविधियां न केवल आपके दिल को मजबूत बनाती हैं, बल्कि रक्त संचार को भी बेहतर करती हैं और रक्तचाप को नियंत्रित रखती हैं। इसके अलावा, व्यायाम से शरीर में एंडोर्फिन का उत्पादन होता है, जो तनाव को कम करता है और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है। नियमित रूप से व्यायाम करने से वजन को नियंत्रित रखने में भी मदद मिलती है, जो हृदय रोग के जोखिम को कम करता है। इसलिए, अपने दैनिक दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करें और अपने दिल की सेहत को प्राथमिकता दें।

 प्राणायाम

प्राणायाम, जो कि एक महत्वपूर्ण योगाभ्यास है, हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। आयुर्वेद में वियान प्राण को विशेष महत्व दिया गया है, क्योंकि यह न केवल रक्त प्रवाह को संतुलित करता है, बल्कि पूरे शरीर में ऊर्जा का संचार भी करता है। नियमित रूप से प्राणायाम करने से मानसिक तनाव कम होता है, जिससे हृदय को आराम मिलता है और इसकी कार्यक्षमता में सुधार होता है। यह तकनीक आपके हृदय को मजबूत बनाने के साथ-साथ इम्यून सिस्टम को भी बेहतर बनाती है। इसके माध्यम से आप अपने शरीर के सभी अंगों को अधिक ऑक्सीजन पहुंचा सकते हैं, जो समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इस प्रकार, प्राणायाम को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करके आप अपने हृदय की सेहत को सुनिश्चित कर सकते हैं।

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धूम्रपान की Addiction से दूरी

धूम्रपान और मद्यपान हृदय रोग का जोखिम बढ़ाने वाले प्रमुख कारक हैं, इसलिए इनसे दूरी बनाना बेहद जरूरी है। धूम्रपान करने से हृदय की धमनियों में कठोरता आती है, जिससे रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है और हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसी तरह, अत्यधिक शराब का सेवन भी रक्तचाप को बढ़ाता है और हृदय की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। यदि आप इन आदतों को छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, तो धीरे-धीरे अपनी दिनचर्या में बदलाव लाने का प्रयास करें। जैसे, धूम्रपान करने के बजाय हेल्दी गतिविधियों में व्यस्त रहें या शराब के स्थान पर नॉन-अल्कोहलिक पेय का चुनाव करें। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और सही सपोर्ट सिस्टम के माध्यम से आप इन व्यसनों से दूरी बना सकते हैं, जिससे आपके हृदय का स्वास्थ्य बेहतर होगा और आप एक सक्रिय और स्वस्थ जीवन जी सकेंगे।

सही आहार ले 

हृदय रोगों से बचने के लिए संतुलित आहार आवश्यक है।

फल और सब्जियां एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। रोजाना कम से कम 4-5 सर्विंग फल-सब्जियों का सेवन करें। साबुत अनाज फाइबर का अच्छा स्रोत होते हैं, जो धमनियों को स्वस्थ रखते हैं। विशेष आहार जैसे ओट्स कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करते हैं। बेरीज एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर होते हैं। ग्रीन टी सूजन को कम करती है और धमनियों को स्वस्थ रखती है।

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 नमक और चीनी का सेवन कम करें

अधिक नमक का सेवन रक्तचाप को बढ़ा सकता है, जो हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ाता है। इसलिए, अपने आहार में नमक की मात्रा को सीमित करना बहुत महत्वपूर्ण है। प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में अक्सर अधिक मात्रा में सोडियम होता है, इसलिए इनसे बचने का प्रयास करें और ताजे फल-सब्जियों का चयन करें। इसी तरह, चीनी का अत्यधिक सेवन भी हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके बजाय, प्राकृतिक मिठास के लिए शहद या गुड़ का उपयोग करें। ये न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि इनमें आवश्यक पोषक तत्व भी होते हैं। नमक और चीनी का सही संतुलन बनाए रखकर आप अपने हृदय को स्वस्थ रख सकते हैं और दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जैतून का तेल, सरसों का तेल और एवोकाडो का तेल शामिल करें।

वर्कआउट प्रोटोकॉल अपनाएं

स्वस्थ जीवनशैली के लिए सही वर्कआउट प्रोटोकॉल का पालन करें। पर्सनल वर्कआउट प्लान अपने फिटनेस स्तर के अनुसार योजना बनाएं। सही वॉर्मअप वर्कआउट से पहले 10-15 मिनट का वॉर्मअप करें।कार्डियोवेस्कुलर एक्सरसाइज सप्ताह में 150 मिनट मध्यम या 75 मिनट उच्च तीव्रता का व्यायाम करें।स्ट्रेंथ ट्रेनिंग सप्ताह में 2-3 दिन वेट लिफ्टिंग करें। जिम जॉइन करने से पहले अपनी फिटनेस का आकलन जरूरी है। इसमें मेडिकल हिस्ट्री, शारीरिक परीक्षण, मांसपेशियों की ताकत का आकलन, फ्लेक्सिबिलिटी टेस्ट और एरोबिक सहनशक्ति की जांच शामिल है।

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जिम में मौत के कारण

बिना पूर्व जानकारी के हृदय रोग या हाई बीपी होने, जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज, गर्म मौसम में या पर्याप्त पानी नहीं पीने के कारण हृदय पर दबाव पड़ सकता है। इसलिए सही तकनीक से व्यायाम करें और प्री-वर्कआउट सप्लीमेंट्स का सेवन सीमित रखें।

अपने दिल का खयाल रखना बेहद जरूरी है। स्वस्थ आदतें अपनाकर और नियमित जांच करके आप हृदय रोगों से बच सकते हैं। याद रखें, “दिल की सेहत आपके हाथ में है।”

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