गलत खानपान, लाइफ स्टाइल के कारण दिल संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ता है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक तनाव दिल के रोगों के होने का सबसे कारण है। तनाव लेने से डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर आदि समस्याएं होती है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए हेल्दी डाइट के साथ आप योगासन का सहारा ले सकती है। चलिए आज 'World Health Day' यानि 'विश्व हृदय दिवस' के खास मौके पर हम आपको 2 आसान से योगासन करने का तरीका बताते हैं....
- ताड़ासन
रोजाना ताड़ासन करने से दिल की मांसपेशियां मजबूत होती है। शरीर में खून का संचार बेहतर होता है। ऐसे में दिल संबंधी समस्याओं की चपेट में आने का खतरा कम रहता है। दिमाग में ऑक्सीजन का प्रवाह तेज व तनाव कम होने में मदद मिलती है।
ऐसे करें ताड़ासन
. सबसे पहले दोनों पैरों के बीच थोड़ी दूरी बनाकर फर्श पर सीधे खड़े हो जाएं।
. अब दोनों बाजूओं को ऊपर कंधे तक उठाकर हथेलियों को नमस्कार की मुद्रा में रखें।
. आप दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़कर भी ऊपर रख सकती है।
. अब अंदर की ओर गहरी सांस लें और शरीर का सारा भार पैरों के पंजों पर डालते हुए एड़ियों को ऊपर की ओर उठाएं।
. बिना हिले शरीर का बैलेंस बनाएं।
. सामान्य तरीके से सांस लें और छोड़ें। फिर 10-15 सेकेंड तक इसी अवस्था में रहिए।
. बाद में गहरी सांस लेते हुए सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
. 3-5 बार इस योगासन को दोहराएं।
अन्य फायदे
. इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। ऐसे में दिल स्वस्थ रहता है।
. रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
. मांसपेशियों में खिंचाव होने से बेहतर शारीरिक विकास में मदद मिलती है।
. पैरों में लड़खड़ाहट की परेशानी दूर होती है।
. इम्यूनिटी स्ट्रांग होती है।
. बच्चों की हाईट बढ़ाने के लिए ताड़ासन करना बेस्ट माना जाता है।
सावधानी
जो लोग हाई ब्लड प्रेशर, चक्कर पैरों की नसों में सूजन की समस्या से परेशान है वो इस योगासन को करने से बचें।
- वज्रासन
वज्रासन करने से स्ट्रेस हार्मोन ‘कॉर्टिसोल’ का स्राव घट जाता है। साथ ही खून का संचार बेहतर तरीके से होता है। ऐसे में दिल स्वस्थ रहने से इससे जुड़ी समस्याओं के होने का खतरा कम रहता है।
ऐसे करें वज्रासन
. सबसे पहले जमीन पर मैट बिछाकर दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर बैठें।
. शरीर का सारा भार एड़ियों पर डाल दें।
. पैरों के अंगूठों को एक-दूसरे के साथ मिला लें।
. रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखें।
. दोनों हाथों की कोहनियों को बिना मोड़े घुटने पर रख दें।
. साथ ही हाथों पर जांघों पर रखें।
. अब एकदम सीधे बैठकर सामने की ओर देखें।
. करीब 3-5 मिनट तक इसी अवस्था में रहिए।
. आगे चलकर आप इस योगासन को करने की समय-सीमा बढ़ा सकते हैं।
अन्य फायदे
. जांघों-पिंडलियों की नसें और मांसपेशियां में मजबूती आएगी।
. पाचन तंत्र व इम्यूनिटी तेज होती है।
. पीठ-पैर आदि के दर्द से छुटकारा मिलता है।
. एकाग्रता शक्ति बढ़ती है।
सावधानी
जो लोग पहले से घुटनों के दर्द से परेशान है वे इस आसन को ना करें। टखने में चोट लगने पर भी इस आसन को करने से बचना चाहिए। इसके अलावा बवासीर के रोगियों को भी वज्रासन नहीं करना चाहिए।