कड़ाके की सर्दी और रात के समय गिरने वाली ओस से पेड़- पौधों की सेहत पर भी नुकसान होता है। भारत में बहुत सारे घरों में तुलसी का पौधा जरूर लगा होता है जिससे हिंदू परिवारों की आस्था जुड़ी होती है। ऐसे मौसम में तुलसी के पौधे पर भी खतरा रहता है। सर्दी की ओस से तुलसी के पौधे के सूखने या पत्तियां झड़ने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में इस मौसम में तुलसी के पौधे की उचित देखभाल की जरूरत होती है। अगर आपके घर पर भी तुलसी का पौधा लगा हुआ है और सर्दी में उसे खराब होने से बचाना है तो कुछ आसान तरीकों को अपनाकर तुलसी के पौधे को सूखने से बचा सकते हैं।
पानी का अनुपात
किसी भी पौधे को हरा भरा रखने के लिए धूप, खाद और पानी तीनों की जरूरत होती है। तुलसी के पौधे का धार्मिक महत्व होने के कारण सामान्य तौर पर लोग सुबह नहाने के बाद तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाते हैं। परिवार के कई सदस्य लोटा भरकर तुलसी को पानी देते हैं। ज्यादा पानी के चलते ही तुलसी का पौधा खराब हो सकता है। इसलिए अगर रोज जल चढ़ाते हैं तो मिट्टी सूखने के बाद ही जल चढ़ाएं या थोड़ा-थोड़ा जल दें। मिट्टी की गुड़ाई करते रहें ताकि पौधे को उचित ऑक्सीजन मिलता रहे।
मिट्टी का अनुपात
तुलसी का पौधा रोपते समय मिट्टी के साथ बालू का उपयोग भी करना चाहिए। जिस गमले में तुलसी का पौधा लगा रहे हैं, उसमें पानी निकलने के भी सही जगह होनी चाहिए ताकि पौधा जड़ से गीला होकर खराब न हो। मिट्टी के साथ मौरंग की एक लेयर गमले का अनुपात 50-50 फासदी रखें। पौधा रोपने के लिए जैविक खाद के साथ उपजाऊ मिट्टी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
पानी का तापमान
पौधे बहुत नाजुक होते हैं तो ठंडें पानी की जगह ताजे पानी का इस्तेमाल करें। ताजे पानी में कुछ गर्माहट होती है। आप चाहे तो कच्चा दूध मिलाकर पानी से तुलसी को सींच सकते हैं। यह पेड़ को हरा-भरा रखने में मदद करता है।
ओस से बचाएं
सर्दियों में रात के समय गिरने वाली ओस पौधे को नुकसान पहुंचाती है। इसलिए जब शाम के समय तापमान कम होने लगे और ओस गिरने लगे तो तुलसी के पौधे को सूती कपड़े से ढक कर रखें। चाहें तो पौधे को खुले आसमान में रखने के बजाय शेड के नीचे भी रख सकते हैं।