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फेल हुआ रुस का मिशन Luna 25, क्या चंद्रयान-3 पर पड़ेगा इसका असर?

  • Edited By palak,
  • Updated: 20 Aug, 2023 05:23 PM
फेल हुआ रुस का मिशन  Luna 25, क्या चंद्रयान-3 पर पड़ेगा इसका असर?

भारत का मिशन चंद्रयान-3 एक-एक स्टेप के साथ चांद की ओर बढ़ रहा है। वहीं रुस ने भी 47 सालों के बाद मून मिशन लॉन्च किया था। यह मिशन 21 अगस्त को चांद की सतह पर उतरने वाला था परंत यह चंद्रमा से टकरा गया जिसके कारण यह मिशन फेल हो गया है। लूना 25 रुस ने 11 अगस्त को लॉन्च किया था। वहीं जर्मनी की एक न्यूज एजेंसी ने बताया कि रुस का लूना 25 अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इसके लैंडर पर लगे कैमरे पहले ही स्पेस से धरती से चांद की दूर की तस्वीरें ले चुके थे। ऐसे में रुस के लूना 25 का भारत के चंद्रयान पर भी असर पड़ेगा या नहीं आइए जानते हैं....

कैसे हुआ मिशन फेल? 

इंडिया के चंद्रयान 3 के साथ-साथ रुस का लूना 25 भी चांद की सतह पर उतरने के लिए आगे बढ़ रहा था वहीं इस दौरान 19 अगस्त को लूना 25 में कोई तकनीकी खराबी आ गई जिसके कारण मुश्किलें और भी बढ़ गई थी। वहीं चंद्रयान 3 की उम्मीद के अनुसार चांद की ओर बढ़ रहा है। रविवार यानी की आज सुबह चंद्रयान की सतह से दूरी सिर्फ 25 किलोमीटर दूरी पर है। भारतीय यान की यह चांद से सबसे कम दूरी है। वहीं इसरो ने इस बात की उम्मीद लगाई है कि 23 अगस्त शाम 5.47 तक चंद्रयान सॉफ्ट लैंडिंग कर सकता है। 

23 अगस्त को लैंड हो सकता है चंद्रयान 3 

चंद्रयान 3 के विक्रम लैंडर ने 17 अगस्त को प्रोपल्शन मॉड्यूल छोड़ दिया था और खुद आगे चल रहा था दूसरा रास्त भी पकड़ लिया था। इस रास्ते में वह चांद से काफी नजदीक पहुंच गया है। 18 अगस्त दोपहर से पहले विक्रम लैंडर और प्रोपल्शन मॉड्यूल 153 किलोमीटर*163 किलोमीटर की ऑर्बिट थी परंतु करीब 4 बजे के दोनों के रास्ते अलग हो गए थे। वहीं इसरो की मानें तो चंद्रयान 3  23 अगस्त को करीब 06:04 मिनट पर चंद्रमा पर लैंड कर सकता है। 

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रुस का था पहला चंद्रमा मिशन 

वहीं अभी तक सिर्फ तीन देश ही चांद को सफल लैंडिंग करवाने में कामयाब रहे हैं। इन देशों में पूर्ववर्ती सोवियत संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन शामिल हैं। वहीं भारत और रुस अब चंद्रमा के मिशन की ओर बढ़ रहे हैं जो अंतरिक्ष यात्रा पूरी करने वाले देशों के बीच में शामिल होना एक बड़ा मक्सद है। सोवियत रुस से अलग होने के बाद रुस ने करीबन 50 सालों में पहली बार चांद का मिशन शुरु किया है।

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