नारी डेस्क: भगवान गणेश को घर लाने से पहले पंडाल की तैयारी और उसे सजाने के लिए वास्तु शास्त्र के कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना शुभ माना जाता है। यह न केवल सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है बल्कि गणपति बप्पा की कृपा से घर में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन भी होता है। यहां दिए गए कुछ वास्तु टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं:
गणेश जी की मूर्ति की दिशा का ध्यान रखें
गणेश जी की मूर्ति को घर के उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना सबसे शुभ माना जाता है। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होती है। यदि उत्तर-पूर्व दिशा में स्थान संभव न हो, तो पश्चिम या उत्तर दिशा भी मूर्ति स्थापना के लिए उपयुक्त मानी जाती है। मूर्ति का मुख घर के अंदर की ओर होना चाहिए, ताकि बप्पा की कृपा पूरे घर पर बनी रहे। कभी भी मूर्ति का मुख दरवाजे की ओर न रखें।
पंडाल का स्थान
पंडाल को साफ-सुथरी और शुद्ध जगह पर स्थापित करें। इसे वहां रखें जहां से परिवार के सभी सदस्य आसानी से पूजा कर सकें।पंडाल को खुली और हवादार जगह में रखें, ताकि वहां पर्याप्त रोशनी और हवा का प्रवाह हो। पंडाल के चारों ओर पर्याप्त स्थान हो, ताकि पूजा के दौरान सभी लोग आराम से बैठ सकें।
साफ-सफाई और शुद्धता
भगवान गणेश के आगमन से पहले घर और पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ करें। पूजा स्थल को स्वच्छ और पवित्र बनाए रखने के लिए गंगाजल का छिड़काव करें। पंडाल और मूर्ति के आसपास शुद्धता बनाए रखें, ताकि भगवान गणेश को कोई असुविधा न हो।
रंग और सजावट का ध्यान
पंडाल की सजावट के लिए पीला, लाल और हरा रंग का उपयोग करें। ये रंग शुभ माने जाते हैं और समृद्धि, उन्नति और खुशी का प्रतीक होते हैं। फूलों की माला, विशेष रूप से गेंदा और कमल के फूल, गणपति के पंडाल की सजावट के लिए श्रेष्ठ माने जाते हैं। यह सजावट धार्मिक और उत्सव का माहौल तैयार करती है। पंडाल में रोशनी का विशेष ध्यान रखें। दीपक, मोमबत्तियां और लाइट्स से पंडाल को सजाना शुभ माना जाता है।
गणेश जी के साथ अन्य देवताओं का ध्यान रखें
गणपति बप्पा की मूर्ति के साथ रिद्धि-सिद्धि और मूषक (चूहा) की मूर्ति या चित्र भी रखना शुभ होता है। इससे घर में सुख और समृद्धि का वास होता है। पंडाल में भगवान गणेश के अलावा किसी अन्य देवता की मूर्ति स्थापित न करें, ताकि गणपति की पूजा विधिपूर्वक हो सके।
पूजा सामग्री और विधान
पूजा के लिए आवश्यक सामग्री पहले से तैयार रखें, जैसे फल, फूल, दूर्वा, मोदक, पान, सुपारी, अगरबत्ती, और घी का दीपक। गणेश जी को मोदक बहुत प्रिय होते हैं, इसलिए पूजा के समय उन्हें मोदक का भोग जरूर लगाएं। पूजा के दौरान दूर्वा घास अर्पण करना अनिवार्य होता है, क्योंकि गणेश जी को दूर्वा बहुत प्रिय है।
घर के प्रवेश द्वार की सजावट
गणेश जी को घर में प्रवेश कराने से पहले मुख्य दरवाजे को आम के पत्तों की बंदनवार (तोरण) से सजाएं। इसे शुभ और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। मुख्य दरवाजे पर रंगोली बनाना भी शुभ होता है, जो समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
ध्यान और आराधना
गणेश स्थापना के दौरान पूरे मन से भगवान गणेश की आराधना करें। मन को शांत रखते हुए पूजा करें और भगवान गणेश से आशीर्वाद प्राप्त करें। इन वास्तु नियमों और पूजा विधि का पालन करने से गणपति बप्पा आपके घर में सुख, समृद्धि, और शांति का आशीर्वाद लेकर आते हैं।