नारी डेस्क: एक नए अध्ययन के अनुसार, यह बात सामने आई है कि गर्भवती महिलाओं द्वारा पैरासिटामोल (जैसे पैनाडोल, डोलो 650) का उपयोग बच्चे के दिमागी विकास पर असर डाल सकता है। यह दवा आमतौर पर दर्द, बुखार, और सिर दर्द जैसी समस्याओं के लिए दी जाती है, लेकिन जब यह दवा प्रेगनेंसी में ज्यादा उपयोग की जाती है, तो यह बच्चे में ADHD (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर) और ऑटिज़म के लक्षणों का कारण बन सकती है।
क्या कहती हैं रिसर्च?
हाल ही में किए गए रिसर्च में यह पाया गया है कि प्रेगनेंसी के दौरान पैरासिटामोल का अधिक उपयोग बच्चे के मस्तिष्क के विकास पर असर डाल सकता है। इसमें बच्चों में ध्यान की कमी (ADHD) और ऑटिज़म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) जैसे लक्षण विकसित हो सकते हैं।
ADHD (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर)
यह एक मानसिक स्थिति है, जिसमें बच्चों को ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है, और वे अधिक सक्रिय रहते हैं। यह स्थिति बच्चों की पढ़ाई और सामाजिक जीवन में समस्या पैदा कर सकती है।
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ऑटिज़म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD)
यह एक विकार है जिसमें बच्चे के विकास में कुछ देरी होती है, खासकर भाषाई और सामाजिक कौशल में। ऑटिज़म वाले बच्चे आमतौर पर अपने आसपास के लोगों से जुड़ने में परेशानी महसूस करते हैं और कुछ विशिष्ट आदतों और व्यवहारों को दोहराते हैं।
रिसर्च का मेंन रिजल्ट
हाल के वर्षों में कई शोधों ने इस संबंध में गंभीर चिंता जताई है। एक अध्ययन के अनुसार, जब गर्भवती महिलाएं पैरासिटामोल का ज्यादा इस्तेमाल करती हैं, तो उनके बच्चों में ADHD और ऑटिज़म के लक्षण ज्यादा देखने को मिलते हैं। रिसर्च ने पाया कि जिन महिलाओं ने गर्भावस्था के दौरान अधिक पैरासिटामोल लिया था, उनके बच्चों में ध्यान केंद्रित करने में समस्या (ADHD) और सामाजिक व्यवहार में असामान्यता (ऑटिज़म) पाई गई।
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अन्य शोध में पाया गया कि पैरासिटामोल के ज्यादा सेवन से बच्चे के दिमाग में कुछ रासायनिक बदलाव हो सकते हैं, जो इन विकारों का कारण बन सकते हैं।
क्यों होता है ये असर?
पैरासिटामोल का अधिक सेवन प्रेगनेंसी के दौरान बच्चे के विकास में दिक्कत डाल सकता है। जब एक महिला पैरासिटामोल लेती है, तो यह दवा उसके खून में घुलकर बच्चे तक पहुँचती है। गर्भवती महिला के शरीर में हो रहे हार्मोनल और केमिकल बदलावों के कारण यह दवा बच्चे के दिमाग पर असर डाल सकती है, जिससे बच्चे में मानसिक और व्यवहारिक दिक्कते भी हो सकती हैं।
क्या करें माँएं?
प्रेगनेंसी के दौरान दवाओं का सेवन बहुत सोच-समझकर करना चाहिए। यदि किसी भी प्रकार का दर्द या बुखार हो, तो बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा नहीं लेनी चाहिए। पैरासिटामोल का उपयोग तभी करें जब डॉक्टर इसे जरुरी मानें। इसके अलावा, प्रेगनेंसी में एक सही डाइट, तनाव से बचाव और नियमित स्वास्थ्य जांचें बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
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हालांकि पैरासिटामोल गर्भवती महिलाओं के लिए एक आम दवा है, लेकिन इसके ज्यादा इस्तेमाल से बच्चे में ADHD और ऑटिज़म के लक्षण हो सकते हैं।