नारी डेस्क: माइग्रेन के कारण सिर के आधे हिस्से में असहनीय दर्द होता है, जिसे बर्दाश्त करना भी मुश्किल हो जाता है। तनाव, मौसम में बदलाव, चिंता, सदमा, टेंशन, नींद की कमी के कारण आजकल माइग्रेन की समस्या आम हो गई है। इसके अलावा गलत खानपान भी माइग्रेन का कारण बन सकता है, लेकिन एक शोध में पता चला है कि इसका ज्यादातर महिलाएं तेजी से शिकार हो रही हैं। इसी के साथ चलिए आपको आज हम बताते हैं इसके बारे में विस्तार से -
क्या है इस बिमारी के कारण
गलत खानपान, दिनचर्या, तनाव, वातावरण में बदलाव होना, हार्मोन्स में बदलाव आना या फिर अधिक सोना माइग्रेन होने की मुख्य वजहों मे से हैं। डिप्रेशन, एंजाइटी डिसॉर्डर, स्ट्रेस माइग्रेन से होने वाली मानसिक बीमारियां हैं। भारत मे माइग्रेन मरीज की संख्या मे महिलाओं की तादाद पुरुषों से तीन गुना ज्यादा है।
माइग्रेन में दिखने वाले लक्षण
-सिर का लगातार तेजी से फड़फड़ाना।
-सुबह उठते ही सिर पर भारीपन व तेज दर्द महसूस होना।
-उल्टी आना।
-सिर के एक ही हिस्से में लगातार दर्द रहना।
-आंखो में दर्द व भारीपन महसूस होना।
-तेज रोशनी और आवाज से परेशानी होना।
-दिन के समय भी उबासी आना।
-अचानक से कभी खुशी तो कभी उदासी छा जाना।
-अच्छे से नींद न आना।
-बार- बार यूरिन आना।
महिलाओं क्यों हो रही शिकार
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक महिलाओं में मासिक धर्म के समय होने वाले हार्मोनल परिवर्तन के कारण भी माइग्रेन का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा तनाव, अवसाद, चिंता और उत्तेजना जैसी स्थितियां भी माइग्रेन को बढ़ावा दे सकती हैं। वे इसे एक नॉर्मल बीमारी समझकर पेनकिलर खा लेती है और बिना उचित इलाज के जीती रहती हैं। वे इसे तब तक अनदेखा करती हैं, जब तक यह किसी गंभीर बीमारी का रूप नहीं ले लेता है।
माइग्रेन का उपचार
- योग, एक्यूप्रेशर और नियमित व्यायाम से माइग्रेन के दौरे को घटाने में मदद मिलती है।
- बहुत तेज व चुभने वाली रोशनी से बचें
- संतुलित दिनचर्या का पालन करें
- समय पर सोना व जगना चाहिए।
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें
- बहुत ज्यादा देर तक भूखे नहीं रहें
- माइग्रेन के समय फोन या लैपटॉप का ना करें इस्तेमाल