22 NOVFRIDAY2024 5:56:26 PM
Nari

वकील सुधा द्विवेदी ने पुलिस में की समीर वानखेड़े के खिलाफ शिकायत, कहा - "एक गंदी मछली..."

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 26 Oct, 2021 12:45 PM
वकील सुधा द्विवेदी ने पुलिस में की समीर वानखेड़े के खिलाफ शिकायत, कहा -

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और उनके जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े तब से सुर्खियों में हैं जब से उन्होंने मुंबई क्रूज जहाज में ड्रग लिए जाने का भंडाफोड़ किया। इस केस में सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान का नाम भी सामने आने के कारण यह केस काफी सुर्खियों में बना हुआ है। केस को लेकर रोज नई-नई बातें सामने आ रही हैं। वहीं, अब महिला वकील सुधा द्विवेदी (Sudha Dwivedi) ने सोमवार को मुंबई पुलिस से संपर्क किया और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े और पांच अन्य के खिलाफ 'ड्रग-ऑन-क्रूज' मामले में कथित रूप से जबरन वसूली के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।

स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सैल ने लगाए थे गंभीर आरोप 

उन्होंने यह शिकायत तब दर्ज की जब गवाह प्रभाकर सेल ने रविवार को कथित तौर पर कहा कि शाहरुख खान के बेटे आर्यन की रिहाई के लिए समीर वानखेड़े की ओर से 25 करोड़ रुपए की मांग की गई थी। पुलिस अधिकारी के अनुसार, वकील सुधा द्विवेदी ने लिखित शिकायत एमआरए मार्ग पुलिस स्टेशन और संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मिलिंद भारंभे और राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के कार्यालयों में भी दर्ज कराई है। द्विवेदी ने वानखेड़े और एनसीबी के गवाहों सहित पांच अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है।

PunjabKesari

25 करोड़ रुपए की रिशवत मांगने का लगा आरोप

पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमें शिकायत मिली है लेकिन अब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।" जब ड्रग्स मामले में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को छोड़ने के लिए वानखेड़े और अन्य सहित एनसीबी के कुछ अधिकारियों द्वारा 25 करोड़ रुपए की जबरन वसूली का दावा किया गया उसके एक दिन बाद यह शिकायत सामने आई।

सुधा द्विवेदी की शिकायत में क्या था जिक्र?

सुधा ने अपने 7 पन्नों की शिकायत में लिखा, "एक खराब मछली पूरे तालाब को खराब कर सकती है। चूंकि एनसीबी के अधिकारी इस मुद्दे में शामिल हैं इसलिए उनके पास कानून के वैधानिक प्रावधानों के अनुसार जनहित की सेवा करने का काम था। मगर, ये अधिकारी लोगों के लिए काम नहीं कर रहे हैं बल्कि अपने हित में कर रहे हैं।

PunjabKesari

शिकायत में उल्लेख किया गया है कि धारा 384 (जबरन वसूली), 388 (मृत्यु या आजीवन कारावास के साथ दंडनीय अपराध के आरोप की धमकी देकर जबरन वसूली), 389 (एक व्यक्ति को जबरन रखना) के प्रावधानों के तहत आने वाले अपराधों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए।

समीर वानखेड़े ने कोर्ट में दिया हलफनामा 

हालांकि वानखेड़े ने इस मामले में अपने ऊपर लगे आरोपों से इंकार किया है। बता दें कि इससे पहले दिन में, आईआरएस अधिकारी और एनसीबी ने अपने खिलाफ लगाए गए जबरन वसूली के प्रयास के आरोपों के खिलाफ अदालत के समक्ष दो अलग-अलग हलफनामे दायर किए। वानखेड़े ने अदालत को सौंपे हलफनामे में अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा है कि NCB की जांच और कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। कई लोग गवाहों पर दबाव बना रहे हैं, जिससे गवाह मुकर गया है। यहां तक कि मुझे धमकी दी जा रही है। मेरी बहन, मरी हुई मां के साथ पूरे परिवार को टारगेट किया जा रहा है।

Related News