आज दुनियाभर में कैंसर तेजी से अपने पैर पसार रहा है। ऐसे में बड़े से लेकर बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। माना जाता है कि हर साल नवजात से 18 साल तक के 40-50 हजार बच्चे रोजाना इसके शिकार हो रहे हैं। ऐसे में इससे बचने के लिए पेरेंट्स को बच्चे की खास केयर करने की जरूरत है। असल में, इस गंभीर बीमारी के शुरूआती लक्षणों को पहचान कर इस बीमारी को काबू किया जा सकता है। तो चलिए आज हम आपको 'World Child Cancer Awareness Day' के दिन बच्चों में होने वाले कैंसर, इसके लक्षण व बचाव के तरीके बताते हैं।
बच्चों को किस कैंसर का खतरा ज्यादा?
आमतौर पर बच्चों को ब्लड कैंसर, ब्रेन ट्यूमर, नर्वस सिस्टम ट्यूमर, एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया, होज्किन्ज लिम्फोमा, साकोर्मा और एंब्रायोनल ट्यूमर, बोन कैंसर (हड्डियों का कैंसर), न्यूरोब्लास्टोमा, रैब्डोमायोसरकोमा, रेटिनोब्लास्टोमा आदि कैंसर की चपेट में आने का खतरा रहता है।
शुरूआती लक्षणों की करें पहचान
इस पर डॉक्टरों का कहना है कि अगर शुरू में इस गंभीर बीमारी का पता चल जाएं तो इसक इलाज संभव है। असल में, बच्चों में कैंसर के लक्षण बड़ों के मुकाबले में अलग होते हैं। ऐसे में बच्चे का सही से इलाज होकर उसकी जान बचाई जा सकती है।
बच्चे को कैंसर होने के लक्षण
- दिनभर सुस्ती, कमजोरी व थकान महसूस करना
- चक्कर आना व लंबे समय तक सिर दर्द की शिकायत रहना
- पीठ, पैरों व जोड़ों में दर्द होना
- मसूड़ों, मुंह व कही चोट लगने पर अधिक खून बहना
- भूख ना लगना व वजन तेजी से कम होना
- पेट में दर्द, कब्ज, सूजन आदि की समस्या रहनाट
- लगातार खांसी, जुकाम व सांस लेने में दिक्कतें आना
- स्वभाव में चिड़चिड़ापन, उदासी रहना
इस तरह करें बचाव
- सबसे पहले बच्चे के स्वभाव व शरीर में किसी भी तरह का बदलाव होने तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- डाइट में हरी सब्जियां, दालें, जूस, दूध आदि को शामिल करें। खासतौर पर डॉक्टर के कहे अनुसार उसकी डाइट में बदलाव करें।
- बच्चे को दिनभर घर में कैद रखने की जगह बाहर घूमाने ले जाएं।
- बच्चे को किसी भी तरह का तनाव ना हो ऐसे में उसे खुश रखें।
- बच्चे की साफ-सफाई का भी ध्यान रखें।
- बाहर का अधिक तला-भुना व मसालेदार खाना बच्चे को ना खिलाएं।
- समय-समय पर चैकअप करवाएं।
बच्चे को कैंसर के बचाव के उपाय
असल में, बच्चों को कैंसर के लक्षणों की जल्दी पहचान नहीं हो पाती है। ऐसे में इसे समझ पाना थोड़ा मुश्किल हैं। मगर सही समय पर इस गंभीर बीमारी के लक्षणों को पहचान कर इलाज शुरू हो जाए तो बच्चे की जान बच सकती है। आज के समय में दुनियाभर में लगभग 70 प्रतिशत केस इलाज के योग्य है। साथ ही इन बच्चों की सेहत में सुधार दवाओं की खोज से नहीं बल्कि तीन चिकित्सा पद्धतियों- सर्जरी, कीमोथेरेपी, और रेडियोथेरेपी के मेल से हुआ है।
लगातार शोध की जरूरत
माना गया है कि बच्चे में होने वाले कैंसर के लिए अभी शोध की जरूरत है। ताकि समय रहते इस गंभीर बीमारी के बारे में पता लाकर इलाज शुरू किया जा सके। ऐसे में समय और सही इलाज से अच्छे नतीजे मिल सकते हैं। साथ ही इसतरह बीमारी की पहचान व इलाज में कम समय किया जा सकता है।