कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का संहार किया था, ये ही वजह है कि त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा पर संध्या के समय भगवान विष्णु का मत्स्यावतार हुआ था। इस दिन गंगा स्नान के बाद दीप- दान का फल दस यज्ञों के समान होता है। एक महीने तक चलने वाले कार्तिक स्नान व्रत का समापन कार्तिक पूर्णिमा को होता है। इस बार ये पर्व 27 नवंबर यानी सोमवार को है। इस दिन कुछ खास उपाय करना बहुत फलदायी होता है। आइए आपको बताते हैं इसके बारे में...
कार्तिक पूर्णिमा के दिन करें ये काम
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान जरूर करें। कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। अगर आप गंगा स्नान करने में सक्षम नहीं हैं तो नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल जरूर मिला लें।
- इस दिन घर के द्वार के सामने स्वास्तिक बनाकर विष्णु भगवान और मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। ऐसे करें से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर घर में आगमन करती हैं।
- इस पावन दिन चंद्रोदय होने पर शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसुईया और क्षमा इन छ: कृतिकाओं का पूजन अवश्य करना चाहिए। माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा की रात्रि में व्रत करके बैल का दान करने से शिव पद प्राप्त होता है।
- कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखने वाली व्रती को किसी जरूरतमंद को खाना खिलाएं और हवन जरूर करें। इससे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और सारी मनोकामना पूरी होती है।
- इस दिन यमुना जी पर कार्तिक स्नान का समापन करके राधा- कृष्ण का पूजन और दीपदान करना चाहिए। पुनर्जन्म का कष्ट नहीं होता है। इस दिन किए जाने वाले दान- पुण्य के कार्य विशेष फलदायी होते हैं।