कोलन इंफेक्शन या कोलाइटिस आंत की अंदरूनी परत पर होने वाली सूजन है, जो आजकल काफी देखने को मिल रही है। कोलन इंफेक्शन सूजन आंत्र रोग, एलर्जी के अलावा गलत खान-पान के कारण भी हो सकती है। अगर समय रहते इसका इलाज ना किया जाए तो यह कैंसर का रूप भी ले सकती है।
कोलन का कार्य क्या है?
कोलन यानी मलाशय पाचन तंत्र का अहम हिस्सा होता है। यह भोजन पचा कर लिक्विड व हार्ड मटीरियल को अलग करता है। इसके बाद वेस्ट मटीरियल कोलन में जमा होता है और मल के रूप में बाहर आता है।
कोलन में इंफेक्शन के लक्षण
. सूजन या इंफैक्शन
. कब्ज व गैस
. पेट में असहनीय दर्द
. थकान और ऊर्जा की कमी
. वजन अचानक कम होना
. मल त्याग करते समय दिक्कत
. दस्त के साथ खून आना
. गंभीर स्थिति में बलगम या कफ भी जमा हो जाता है।
कोलन इंफेक्शन के कारण
. हैवी, मसालेदार, जंक फूड्स आदि का सेवन
. कब्ज या किसी एलर्जी के कारण
. प्रोसेस्ड फूड, रिफाइन्ड शुगर का अधिक सेवन
. कैफीन और शराब जैसी नशीली चीजों का सेवन भी कोलन इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं।
कोलन को साफ रखने के लिए फूड्स
दूध, दही खाएं
दूध, दही, छाछ, नींबू पानी का अधिक सेवन करें। यह कोलन साफ व पाचन तंत्र दुरुस्त रखते हैं। साथ ही इससे आप कब्ज एसिडीटी जैसी समस्याओं से भी बचे रहते हैं। इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं।
फाइबर फूड्स अधिक लें
फाइबर युक्त फूड्स पचने में आसान होते हैं। साथ ही इससे कोलन की नियमित सफाई होती रहती है। खिचड़ी का भी अधिक सेवन करें।
बीन्स
फाइबर, विटामिन ई, विटामिन बी और प्रोटीन से भरपूर बीन्स कोलन की सफाई करने के साथ इंफेक्शन से भी बचाते हैं।
अलसी के बीज
इनमें प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स और लिपिड मीडिएटर होता है जो कोलन से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है।
पपीता
अगर आपको भी पेट से जुड़ी समस्याएं रहती है तो रोजाना 1 कप पपीते का सेवन करें। यह भी कोलन की सफाई करके पाचन तंत्र को सही रखता है।
लौंग
एंटीऑक्सिडेंट लौंग बैड बैक्टीरिया को मारने के साथ कोलन से टॉक्सिन्स बाहर निकालता है। साथ ही यह पेट के अल्सर को बढ़ने से भी रोकता है।
एलोवेरा
एलोवेरा भी कोलन के लिए एक बेहतरीन डिटॉक्सीफाइर है। साथ ही इससे आप पेट से जुड़ी अन्य बीमारियों से भी बचे रहते हैं।