शारदीय नवरात्रि के समापन के बाद दशहरा का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इसे विजयदशमी भी कहते हैं। हर साल आश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की तिथि के दिन दशहरा मनाया जाता है। दशहरे के दिन भगवान राम ने रावण, उसके भाई कुंभकर्ण और पुत्र मेघनाद का वध किया था ऐसे में इस दिन इन तीनों को पुतले जलाकर यह दिन धूमधाम से मनाया जाता है। दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस बार दशहरा कब और इसकी शुभ तिथि क्या है आज आपको इस बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं....
किस दिन मनाया जाएगा दशहरा?
पंचागों की मानें तो इस साल आश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 23 अक्टूबर शाम 05:44 पर शुरु होगी और यह 24 अक्टूबर दोपहर 03:14 तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, इस साल दशहरा 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त?
दशहर के दिन अभिजीत मुहूर्त भी बन रहा है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त 11:42 से लेकर दोपहर 12:27 तक रहेगा। इसके बाद दोपहर 01:19 से लेकर 03:37 तक पूजा का अपराह्न मुहूर्त बनेगा। इसी दिन दोपहर 01:58 से लेकर 02:43 तक का मुहूर्त शस्त्र पूजा के लिए शुभ है।
रावण दहन का शुभ मुहूर्त
दशहरे के दिन प्रदोष काल में रावण दहन किया जाता है। वहीं इस दिन शाम 05:43 मिनट से लेकर ढाई घंटे तक पुतलों के दहन का शुभ मुहूर्त रहेगा।
दशहरे का महत्व
हिंदू धर्म में दशहरे के दिन को बहुत ही महत्व दिया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। इसी दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण को युद्ध में भी हराया था इसलिए इस दिन को विजयदशमी के तौर पर जाना जाता है। इस दिन बच्चों का अक्षर-लेखन, गृह प्रवेश, मुंडन, नाम करण, कर्ण छेदन और भूमि पूजन जैसे मांगलिक कार्य बेहद शुभ माने जाते हैं परंतु भूलकर भी विजयदशमी वाले दिन शादी नहीं तय करनी चाहिए।
दशहरे से है मां दुर्गा का खास संबंध
इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर युद्ध जीता था। ऐसे में इस त्योहार को असत्य पर सत्य की और अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक माना जाता है। यह हर साल आश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन मां दुर्गा ने महिषासुर नाम के राक्षस का वध किया था इसलिए इसे शारदीय नवरात्रि की दशमी भी कहते हैं। कई जगहों पर इस दिन मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन भी किया जाता है।