देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के कहर को देखते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन लगाने की जरूरत है, जैसा कि पिछले साल मार्च में लगाया गया था।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि 10 प्रतिशत से अधिक कोरोना पाॅजीटिव वाले ईलाकों को इसमें शामिल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में डॉ. आर. के. हिमथानी की मृत्यु उन 12 लोगों में से एक है, जो बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन से बाहर निकलने के बाद मरे थे। यह उनके लिए एक व्यक्तिगत नुकसान है, क्योंकि वह अपने छात्र दिनों से उन्हें जानते थे। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि हमें कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से निपटने के लिए जल्द कड़े कदम उठाने चाहिए।
आपको बता दें कि भारत में कोविड -19 की दूसरी लहर बेहद खतरनाक रूप लेकर आई हैं। हर दिन संक्रमण के मामलों और मौतों का नया रिकॉर्ड बना रही है। वहीं अब लगातार पॉजिटिविटी रेट में भी बढ़ोतरी हो रही है। बीते 30 अप्रैल को देश में 4 लाख से अधिक केस सामने आए। जोकि अब तक सबसे ज्यादा आंकड़ा है। ऐसे में देश का पॉजिटिविटी रेट 20.8 प्रतिशत रहा। यानी कि हर पांच में से एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया। वहीं, 15 दिन पहले पॉजिटिविटी रेट 12.3 प्रतिशत था यानी हर आठ में से एक व्यक्ति पॉजिटिव मिल रहा था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, जिस इलाके में पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से कम होता है और ऐसा कम से कम दो हफ्तों तक रहता है तो माना जाता है कि संक्रमण पर नियंत्रण पा लिया गया है। लेकिन फिलहाल भारत में ये दर बहुत अधिक है। इसलिए यह एक बड़ी चिंता का विषय है।