देश में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. गुलेरिया ने एक अहम जानकारी सांझी की है। दरअसल, देश में आई कोरोना की दूसरी लहर से डरे लोग तमाम तरह के टेस्ट करवा रहे हैं। जिसे लेकर डॉ. गुलेरिया ने कहा रेडिएशन के एक डेटा का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि लोग तीन-तीन दिन में सीटी स्कैन करा रहे हैं।
सीटी स्कैन से कैंसर का खतरा-
उन्होंने कहा कि जब सीटी स्कैन की जरूरत नहीं है तो उसे कराकर आप अपनी हैल्थ को ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं क्योंकि आप खुद को रेडिएशन के संपर्क में ला रहे हैं इससे बाद में कैंसर होने की संभावना बढ़ सकती है।
कोरोना पॉजिटिव हैं तो भी सीटी स्कैन की जरूरत नहीं-
उन्होंने कहा कि अगर आप कोरोना पॉजिटिव हैं और आपको हल्के लक्षण हैं तो आपको सीटी स्कैन कराने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि सीटी स्कैन कराने में जो रिपोर्ट सामने आती है उसमें थोड़ी बहुत चकत्ते आ जाते हैं जिसको देखकर मरीज परेशान हो जाता हैं।
कोरोना पॉजिटिव मरीज को ज्यादा दवाएं लेने की भी जरूरत नहीं-
डॉ. गुलेरिया ने बताया कि अगर आप कोरोना पॉजिटिव हैं मगर आपको सांस लेने में कोई परेशानी नहीं हो रही है, आपका ऑक्सिजन लेवल ठीक है और तेज बुखार नहीं आ रहा है तो बिल्कुल घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि न ही कोरोना पॉजिटिव मरीज को ज्यादा दवाएं लेनी आवश्यकता है। बल्कि ये दवाएं उल्टा असर करती हैं और मरीज की सेहत को और खराब कर देती है।
इस अवस्था में करें डॉक्टर से संपर्क-
डाॅक्टर गुलेरिया ने कहा है कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोग अपने डॉक्टर से संपर्क करते रहें। सेचुरेशन 93 या उससे कम हो रही है, बेहोशी जैसे हालात हैं, छाती में दर्द हो रहा है तो एकदम डॉक्टर से संपर्क करें।