पूरी दुनिया में अपना कोहराम मचाने वाला कोरोना वायरस दिन प्रतिदिन बेकाबू होता जा रहा है। दुनिया भर में अब तक लाखों की गिनती में लोग इससे जान गवा चुके हैं। वहीं लोगों की नजर अब इसकी वैक्सीन पर टिकी है। हाल ही में ब्रिटेन ऐसा पहला देश बन गया है जिसने वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है। इस खबर के बाद से ही लोगों की चिंता काफी कम हुई लेकिन इस दौरान एक ऐसी खबर आई है जिसने लोगों के मन में कईं तरह के सवाल खड़े कर दिए। दरअसल बीते दिनों हरियाणा सरकार के गृह मंत्री अनिल विज ने Covaxin का ट्रायल खुद पर करवाया था और अब वह कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि वैक्सीन लेने पर भी वह कोरोना की चपेट में कैसे आ गए तो आईए आपको बताते हैं इसके पीछे की वजह...
15 दिन पहले ली थी वैक्सीन
अनिल विज ने कोरोना होने की पुष्टि खुद की और बताया कि उनका इलाज चल रहा है और वह ठीक महसूस कर रहे हैं। ट्वीट कर उन्होंने लिखा ,' मुझे कोवेक्सिन लगाने से पहले डॉक्टरों ने बता दिया था कि वैक्सीन की दूसरी डोज 28 दिन के बाद लगने के 14 दिन बाद ही एंटीबॉडी बनेगी । पूरी एहतियात बरतने के बाद भी मैं कोरोना के काबू आ गया । मेरा सिविल हस्पताल में इलाज हो रहा है ओर मैं ठीक महसूस कर रहा हूँ । '
क्यों आए कोरोना की चपेट में?
अब सभी के मन में एक ही सवाल है कि आखिर वैक्सीन लेने के बाद भी अनिल विज कैसे कोरोना की चपेट में आ गए। इसका कारण बताते हुए अनिल विज ने कहा कि डॉक्टरों ने उन्हें पहले ही बता दिया था कि कोरोना का टीका दूसरी डोज लेने के लगभग 14 दिन बाद से काम करना शुरू करता है। कोरोना का दूसरा डोज पहले डोज के 28 दिन बाद लगाई जाती है और फिर 14 दिन बाद ही शरीर में एंटीबॉडीज डेवलप होते हैं। तभी कोरोना से सुरक्षा मिल पाती है। यानी कि इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम 42 से 45 दिन का वक्त लगता है। इसके बीच में वैक्सीन से कोई सुरक्षा नहीं है। यही कारण है कि वह वैक्सीन लेने के बाद भी वह कोरोना की चपेट में आ गए।
दो खुराकों वाला टीका है Covaxin
इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो यह टीका दो खुराक वाला है। यानि कि टीके की दूसरी खुराक लेने के कुछ दिन बाद ही किसी व्यक्ति में संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी का निर्माण होता है और मंत्री ने टीके की केवल एक ही खुराक ली थी।
आपको बता दें कि Covaxin एक स्वदेशी टीका है जो आईसीएमआर (ICMR) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) मिलकर तैयार कर रहे हैं और अनिल विज ने कोवैक्सिन के तीसरे चरण के परीक्षण में पहला वॉलंटियर बनने की पेशकश की थी।