हिंदू धर्म के अनुसार, पेड़-पौधों और फूलों को बहुत ही महत्व दिया जाता है। इन्हीं फूलों में से एक अपराजिता का फूल भी है। अपराजिता के फूल को हिंदू धर्म में बहुत ही मान्यता दी गई है। बगीचों के बीच घर में लगा हुआ यह फूल सुंदरता पर चार-चांद लगा देता है। आयुर्वेद में इस फूल को विष्णुक्रांता, गोकर्णी जैसे नामों से भी जाना जाता है। देखने में यह फूल बिल्कुल मोर पंख फूल के जैसे लगता है। अपराजिता का फूल भगवान विष्णु को बहुत ही पसंद होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, अपराजिता के फूल को लगाने के कुछ नियम बताए गए हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में...
वीरवार या शुक्रवार लगाएं अपराजिता का पौधा
अपराजिता का फूल भगवान विष्णु को बहुत ही प्रिय होता है। आप गुरुवार या शुक्रवार के दिन इसे अपने घर में लगा सकते हैं। गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है और शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को। आप इन दोनों में से किसी भी दिन अपराजिता का पौधा घर में लगा सकते हैं। इससे मां लक्ष्मी का आपके घर में आगमन होगा।
नहीं रहेगी पैसे की कमी
अपराजिता का पौधा धन की देवी मां लक्ष्मी को आकर्षित करता है। इस पौधे को घर में लगाने से व्यक्ति पर आने वाला किसी भी तरह का संकट कम हो जाता है। घर में सुख-शांति भी बनी रहती है। पैसे की भी कोई कमी नहीं रहती। पैसे की कमी है दूर करने के लिए आप सोमवार या फिर शनिवार के दिन अपराजिता के 3 फूल पानी बहते हुए पानी में फैंकें। इससे आपको धन लाभ होगा।
मनोकामना पूरी करने के लिए
अपराजिता का पौधा आपकी मनोकामना पूरी करने में भी काफी मददगार गोता है। यदि आपकी कोई मनोकामना लंबे समय से पूरी नहीं हो पा रही है तो आप अपराजिता के फूलों से बनी माला भगवान शिव, दुर्गा मां और विष्णु भगवान को अर्पित करें। आपकी मनोकामना जरुर पूरी होगी।
शनि देव होते हैं खुश
वास्तु शास्त्र के अनुसार, अपराजिता का पौधा घर में लगाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में अपराजिता का पौधा होता है, वहां न्यायमूर्ति शनि देव के कृपा हमेशा रहती है। पैसे की भी उस घर में कोई कमी नहीं रहती।
इस दिशा में लगाएं अपराजिता का पौधा
अपराजिता का पौधा आप घर की पूर्व, उत्तर, उत्तर-पूर्व दिशा में लगा सकते हैं। उत्तर-पूर्व दिशा को ईशान कोण भी कहा जाता है। ईशान कोण में अपराजिता का पौधा लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है।