03 NOVSUNDAY2024 1:07:02 AM
Nari

Gandhi Jayanti: इस घटना के कारण एक महंगे वकील को बनना पड़ा 'महात्मा'

  • Edited By neetu,
  • Updated: 02 Oct, 2020 07:04 PM
Gandhi Jayanti: इस घटना के कारण एक महंगे वकील को बनना पड़ा 'महात्मा'

आज भारतदेश में आज राष्ट्रपति महात्मा गांधी का जन्म दिवस मनाया जा रहा है। उनके महान व्यक्तित्व आदर्श व विचारधारा ने लोगों पर अपना गहरा प्रभाव डाला। उन्होंने हमेशा से ही सभी को अहिंसा व सत्य के मार्ग पर चलने की सीख दी। गांधी जी ने वकालत की शिक्षा हासिल कर वकील बने थे। मगर एक बार उनके जीवन में एक ऐसी घटना हुई कि उन्होंने सत्याग्रह की नींव रख दी। तो चलिए जानते हैं उस घटना के बारे में... 


7 जून 1893 को साउथ अफ्रीका में उन्हें भारतीय होने के कारण भेदभाव कर ट्रेन से धक्का दे उतार दिया था। उन्हें तब रातभर स्टेशन के वेटिंग रूम में रहकर बीतानी पड़ी। ऐसे में वो रात उनके लिए बेहद लंबी व भारी थी। फिर उसके बाद उन्होंने सत्याग्रह की नींव रखी। 

गुजरात के राजकोट के एक बड़े वकील थे

 गांधी जी गुजरात के राजकोट के एक बड़े व महंगे वकील थे। असल में, वे दक्षिण अफ्रीका में एक सेठ जिनका नाम अब्दुल्ला था। उनके लिए मुकदमा लड़ने के लिए गए थे। वे पानी के जहाज के जरिए वहां पहुंचे थे। वहीं से उन्होंने प्रीटोरिया पहुंचने के लिए ट्रेन की फर्स्ट क्लास ली थी। वे अपने बर्थ पर जाकर बैठ गए। जब ट्रेन पीटरमारिट्जबर्ग स्टेशन पर पहुंचने वाली ही थी कि उन्हें थर्ड क्लास के डिब्बे में जाकर बैठने को कहा गया। मगर उन्होंने अपनी फर्स्ट क्लास की टिकट दिखाते हुए उस जगह से जाने को मना किया। इसपर उन्होंने गांंधी जी को धक्का देकर ट्रेन से नीचे उतार दिया था। इस कारण उन्हें कड़कड़ाती ठंड में स्टेशन पर रात बीतानी पड़ी थी। एक बार तो उन्होंने भारत वापिस आने का फैसला लिया। मगर फिर उन्होंने सोचा कि उन्हें अपने देश व देशवासियों पर हो रहे अत्याचार का विरोद्ध करते हुए लड़ना चाहिए। यह उनपर पहला नस्लभेदी प्रहार था जो वे बिल्कुल भी सहन नहीं कर पाएं थे। उसी रात से फिर उन्होंने सत्याग्रह की नींव रखी। तब तो उन्हें इस बात का बिल्कुल भी अहसास नहीं था कि उनका यह आंदोलन सच में अंग्रेजी की सत्ता हिला देगा। 

nari,PunjabKesari

पायदान पर बैठकर करनी पड़ी थी यात्रा 

इसी के साथ एक और घटना का उल्लेख करते हुए आपको बताते हैं कि एक बार दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी को घोड़ागाड़ी में एक अंग्रेज यात्री को सीट न देने के कारण पायदान पर बैठकर यात्रा करने के साथ चालक की मार भी सहनी पड़ी थी। साथ ही उन्हें रहने के लिए किसी भी होटल में जगह भी नहीं दी गई थी। उस दिन से लेकर 1914 तक उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में आंदोलन किया। उसके एक साल बाद 1915 को वे भारत देश में वापिस चले गए। साथ ही उन्होंने भारत देश को आजाद करवाने के लिए आंदोलन शुरू किया। उनके इस योगदान को आज भी याद करते हैं। इसी के कारण महात्मा गांधी एक महंगे वकील से 'महात्मा गांधी' बन गए। 

 

आज से 4 साल पहले 2016 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर गए थे। तब उन्होंने भी उस ट्रेन की यात्रा की थी। साथ ही उन्होंने गांधी जी के सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलने का संदेश एक बार फिर से दोहराया था। सत्याग्रह के मार्ग पर चल कर महात्मा गांधी ने अंग्रेजों को हिला कर  रख दिया था। साथ ही देशवासियों को एक ही धागे में पिरो कर साथ में रहने का संदेश भी दिया था। 

Related News