हिंदू धर्म में एकादशी का बड़ा ही महत्व माना जाता है। माना जाता है कि यह व्रत रखने से मनोकामना पूरी होती है। ऐसे में 9 जनवरी यानी कल साल की पहली एकादशी होगी। इसे 'सफला एकादशी' के नाम से जाना जाता है। इस व्रत को हर साल पौष माह कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। मगर श्रीहरि की कृपा पाने के लिए व्रत रखने के साथ कुछ खास नियमों का पालन करना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि सफला एकादशी व्रत से जुड़े खास नियम...
सफला एकादशी में इन कामों को करने से बचें...
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एकादशी में चावल नहीं खाना चाहिए। माना जाता है कि इस दिश चावल का सेवन करने से मनुष्य अगले जन्म में रेंगने वाली योनि में पैदा होता है।
- मांसाहारी चीजों को खाने की गलती ना करें।
- वैसे तो व्यक्ति को हमेशा ही सभी से प्यार व सम्मान से बात करनी चाहिए। मगर एकादशी के दिन खासतौर पर अपने व्यवहार पर संयम रखें।
- इस दिन कपल्स को ब्रह्राचार्य का पालन करना चाहिए। साथ ही एक-दूसरे के साथ लड़ाई-झगड़ा करने से बचना चाहिए।
- दिन के समय सोने से बचें। असल में, एकादशी का दिन भगवान की पूजा करने में व्यतीत करना चाहिए। ऐसे में आलस व क्रोध करने से बचना चाहिए।
सफला एकादशी के दिन इन कामों को करना रहेगा शुभ...
- सभी एकादशी का व्रत रखें। इससे समाज में मान-सम्मान बढ़ाने, अच्छी सेहत, बुद्धि, संतान व पारिवारिक सुख और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। साथ ही माना जाता है कि ऐसा करने से पूर्वजों को स्वर्ग में स्थान मिलता है।
- सुबह जल्दी उठकर मंदिर जाएं या फिर घर पर ही पूजा करें।
- एकादशी के दिन दान करना बेहद ही शुभ माना जाता है। ऐसे में गरीब व जरूरतमंदों को भोजन खिलाएं। कपड़े, अन्न व दक्षिणा का दान करें।
- एकादशी के दिन लक्ष्मी-नारायण के मंदिर जाकर पूजा करें। साथ ही धूप, दीप, फल और पंचामृत, नारियल, सुपारी, आंवला आदि चढ़ाएं। इससे भगवान की कृपा होने से मनोकामना पूरी होगी।
- अगर संभव हो तो गंगा स्नान करने जाएं। नहीं तो आप घर पर ही पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर भगवान का स्मरण करते हुए नहा सकते हैं।
- अविवाहित व शादी के योग्य लोगों को केसर, हल्दी व केला का दान करने चाहिए। इससे विवाह में आ रही बांधाएं दूर होगी।