17 JANFRIDAY2025 2:25:28 AM
Nari

धर्मेंद्र के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला कोर्ट ने जारी किया समन, जानें पूरा मामला

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 10 Dec, 2024 09:58 AM
धर्मेंद्र के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला कोर्ट ने जारी किया समन, जानें पूरा मामला

नारी डेस्क: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में समन जारी किया है। यह मामला 'गरम धरम ढाबा' की फ्रेंचाइजी से जुड़ा हुआ है। कोर्ट ने धर्मेंद्र और दो अन्य आरोपियों को 20 फरवरी 2025 को पेश होने का आदेश दिया है।

क्या है मामला?

शिकायतकर्ता सुशील कुमार, जो दिल्ली के एक बिजनेसमैन हैं, ने आरोप लगाया है कि अप्रैल 2018 में उनसे "गरम धरम ढाबा" की फ्रेंचाइजी खोलने के नाम पर निवेश करवाने की कोशिश की गई। सह-अभियुक्तों ने सुशील कुमार को बताया कि "गरम धरम ढाबा" की दिल्ली के कनॉट प्लेस और हरियाणा के मुरथल में पहले से ब्रांचें हैं, जो हर महीने लगभग 70-80 लाख रुपये का कारोबार करती हैं।

इस आधार पर शिकायतकर्ता को ढाबे की फ्रेंचाइजी खोलने का लालच दिया गया। उन्होंने कहा कि अगर वह 41 लाख रुपये निवेश करेंगे, तो उन्हें सात प्रतिशत का लाभ मिलेगा। उत्तर प्रदेश में फ्रेंचाइजी खोलने में पूरी मदद देने का भी वादा किया गया। इस सिलसिले में कई ई-मेल, मीटिंग्स और बातचीत हुईं, जिनमें "गरम धरम ढाबा" के कनॉट प्लेस स्थित ब्रांच ऑफिस में एक मीटिंग भी शामिल है।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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क्या कहा कोर्ट ने?

कोर्ट ने शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए साक्ष्यों के आधार पर प्रथम दृष्टया पाया कि आरोपी पक्ष ने जानबूझकर शिकायतकर्ता को धोखाधड़ी के लिए प्रेरित किया। जज यशदीप चहल ने अपने आदेश में कहा कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 120बी (आपराधिक साजिश), धारा 34 (सामान्य इरादा) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला बनता है।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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आगे क्या होगा?

कोर्ट ने समन जारी करते हुए आरोपियों को 20 फरवरी 2025 को पेश होने के लिए कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि समन के इस चरण में केवल प्रथम दृष्टया मामले की जांच जरूरी है। मामले के गहराई से अध्ययन और दोषों का निर्धारण बाद की सुनवाई में किया जाएगा।

शिकायतकर्ता ने पहले एफआईआर दर्ज कराने के लिए अदालत का रुख किया था, लेकिन 9 अक्टूबर 2020 को अदालत ने एफआईआर की अर्जी खारिज कर दी थी। हालांकि, शिकायत को संज्ञान में लेते हुए शिकायतकर्ता को साक्ष्य पेश करने का निर्देश दिया गया।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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यह मामला अब आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, और धर्मेंद्र समेत अन्य आरोपियों को कोर्ट में अपना पक्ष रखना होगा।

 

 

 
 

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