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उत्तराखंड में राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग पर लगा बैन, टूरिस्टों के लिए हुई मुश्किल

  • Updated: 22 Jun, 2018 03:33 PM
उत्तराखंड में राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग पर लगा बैन, टूरिस्टों के लिए हुई मुश्किल

रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग जैसे एडवेंचर का मजा लेने के लिए लोग अक्सर उत्तराखंड घूमने का प्लान बनाते है, जो काफी मशहूर शहर हैं। अगर आप भी इस बार इन एडवेंचर का मजा लेने के लिए उत्तराखंड का ट्रिप प्लान कर रहे है तो आपको बता दे कि इस बार आप रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग का लुत्फ नहीं उठा सकते हैं। 

 

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग और अन्य वाटर स्पोर्ट पर बैन लगा दिया है। दरअसल, हाईकोर्ट द्वारा उचित नियम और नीति बनाने के निर्देश दिए गए है, जिसके चलते उत्तराखंड में रिवर राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग पर रोक लगा दी गई है। दरअसल, इस का फैसला वरिष्ठ न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई के द्वारा लिया गया है।हाल ही में ऋषिकेश निवासी हरिओम कश्यप ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी और कहा था कि सरकार ने 2014 में भगवती काला व वीरेंद्र सिंह गुसाईं को राफ्टिंग कैंप लगाने के लिए कुछ शर्तों के साथ लाइसेंस दिया था, लेकिन नियमों को नजरअंदाज किया जा रहा है। 

 

लोग राफ्टिंग के नाम पर गंगा नदी के किनारे कैंप लगाने शुरू कर दिए। इतना ही नहीं गंगा नदी के किनारे मांस मदिरा, गंदा पानी, कूड़ा आदि भी नदी में डाला जा रहा है। ऐसे में हाईकोर्ट द्वारा सरकार को आदेश दिए गए हैं कि वे नदी के किनारे उचित शुल्क के बिना लाइसेंस जारी नहीं कर सकती और खेल गतिविधियों के नाम पर अय्याशी करने की स्वीकृति किसी को नहीं दी जाएगी क्योंकि राफ्टिंग कैंपों की वजह से नदियों का पर्यावरण दूषित हो रहा है।  

 

कोर्ट ने सरकार से राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग और अन्य जल खेलों के लिए उचित कानून बनाने का आदेश दिए है। इतना ही नहीं, जब तक यह कानून नहीं बनते, तब तक किसी खेल की अनुमति नहीं दी जाएगी। 
 

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