19 APRFRIDAY2024 10:29:35 AM
Nari

ग्लोबल वार्मिंग से भारतीय युवाओं में फैल रहा है यह इंफैक्शन

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 11 Sep, 2018 12:34 PM
ग्लोबल वार्मिंग से भारतीय युवाओं में फैल रहा है यह इंफैक्शन

एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (ए.एस.) एक ऑटोएम्यून बीमारी है, जिसके मामले देश में बहुत ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। बिशेषज्ञों का अनुमान है कि देश में 100 में से एक भारतीय युवा इस बीमारी की चपेट में है। यह बीमारी पुरूषों में ज्यादा पाई जा रही है और सबसे चिंता का विषय यह है कि इससे 20-30 साल की उम्र के लोग ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।

PunjabKesari

एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस से पीड़ित विशाल कुमार की उम्र अभी 34 साल ही है और वह पिछले 8 साल से पीछ के निचले हिस्से और कूल्हों में गंभीर दर्द की वजह से बिस्तर पर ही जिंदगी जी रहे थे। करीब 12 साल पहले विशाल को रीढ़ की हड्डी और कूल्हों में एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (ए.एस.) होने का पता चला था। धीरे-धीरे दर्द इतना बढ़ कि उनकी जिंदगी बिस्तर तक ही सीमित रह गई। बाद में उन्होंने टोटल हिप रिप्लेसमैंट (टी.एच.आर.) का सहारा लिया। अब वह सामान्य जीवन बिता रहे हैं।

PunjabKesari

ग्लोबल वार्मिंग से हो सकता है वायरल इंफैक्शन
जलवायु परिवर्तन से हाथ, पैर व मुंह की बीमारी (एच.एफ.एम.डी.) का जोखिम बढ़ सकता है। यह चेतावनी एक नए अध्ययन में दी गई है। इसमें कहा गया है कि ग्लोबल वार्मिंग (भूमंडल ऊष्मीकरण) की वजह बचपन में वायरल संक्रमण हो सकता है। इंटरनैसनल जर्नल आफ डरमेटोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि ए.एफ.एम.डी. व तापमान के बीच सीधा संबंध है। वहीं, कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी के अध्ययनकर्ताओं का मानना है कि एच.एफ.एम.डी. का तेज हवा तथा धूप से कोई सीधा संबंध नहीं है। अध्यनयन में शामिल प्रो.सारा कोटेस ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और विभिन्न संक्रामक बीमारियों की बढ़ती घटनाओं का एक-दूसरे से सीधा संबंध है।

PunjabKesari

फैशन, ब्यूटी या हैल्थ महिलाओं से जुड़ी हर जानकारी के लिए इंस्टाल करें NARI APP

Related News