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Yoga Day: शिल्पा शेट्टी ने बताए 11 योगासन जो रखेंगे आपको बीमारियों से दूर

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 20 Jun, 2019 05:25 PM
Yoga Day: शिल्पा शेट्टी ने बताए 11 योगासन जो रखेंगे आपको बीमारियों से दूर

बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी 44 की उम्र में जितनी खूबसूरत हैं, उतनी ही फिट भी नजर आती हैं हालांकि प्रेग्नेंसी में उनका वेट भी काफी बढ़ गया था लेकिन अच्छी डाइट और योग की मदद से उन्होंने सिर्फ 4 महीने में 32 किलो वजन घटा लिया था। शिल्पा का मानना है कि फिट रहने के लिए 30 प्रतिशत योग और 70 प्रतिशत डाइट का योगदान होता है इसलिए खुद को फिट रखने के लिए योग के साथ अच्छी डाइट भी लें।

 

शिल्पा की योग करते की बहुत सारी फोटोज आपको सोशल मीडिया में मिल जाएंगी और  हाल ही में शिल्पा शेट्टी की कुछ योग करते हुए तस्वीरें वायरल हुईं है। दरअसल योग दिवस के मौके पर शिल्पा ने अपना एक योगा एप्प लांच किया जिसमें वह लोगों को बताएंगी कि योग आसन कैसे करें और किस योगासन से कौन सा फायदा मिलेगा।

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हालांकि यह कोई नई बात नही हैं शिल्पा अपने सोशल अंकाऊट में भी योगासन की वीडियो शेयर कर अपने फैंस को फिट रहने के लिए इंस्पायर्ड करती हैं तो चलिए आज हम आपको उनके कुछ योगासन दिखाते हैं जिनकी मदद आप फिट रह सकते हैं।



पार्श्वकोणासन योग (Parsvakonasana)

इस आसन को करने के लिए सीधे खड़े होकर पैरों के बीच लगभग एक मीटर की दूरी बनाएं। हाथों को ऊपर की तरफ उठाते हुए कंधे तक ले जाए और फिर दाएं पैर को 90 डिग्री तक घुमाने के बाद बाएं पांव को बाहर की तरफ फैलाते हुए इसे (बाएं पांव को) 60 डिग्री तक दाईं ओर घुमाएं। इसके बाद दाएं पांव को घुटने से इस तरह झुकाएं कि जांघ व पिंडली के बीच समकोण बने और जांघ जमीन के समांतर रहे। सांस छोड़ते हुए कमर से दाईं तरफ धुके और दाएं हाथ को नीचे पैर की उंगुली होते हुए जमीन तक लेकर आएं। अब बायां पैर व हाथ एक सीध में करके 60 डिग्री पर झुकते हुए हाथ को पूरी तरह से सिर से सटा लें। फिर सांस खींचें और दाईं हथेली को जमीन से उठा लें, धड़ ऊपर करें, दायां पांव सीधा करें और हाथ उठाएं तथा पहली अवस्था में वापिस आ जाएं। अब इस आसन को दूसरी तरफ से दोहराएं। आप इसके 3-5 च्रक करें। फ्लैक्सिबल बॉडी पाने के लिए पार्श्वकोणासन करें।

फायदेः यह आसन आपका फिजिकल बैलेंस बढ़ाती हैं। इससे कंधे गर्दन और रीढ़ की हड्डी को मजबूती भी मिलती है।


प्रसारित पादोत्तासन (Pasarita Padottasana)

इस आसन को करने के लिए को करने के लिए पैरों को 3 से 4 फुट की दूरी पर फैला कर सीधा खड़ा हो जाएं। अब गहरी सांस लेते हुए रीढ की हड्डी को सीधा रखे और हाथों को फैलाकर सिर के उपर लाएं। सांस छोड़ते हुए कमर से नीचे की ओर झुके और हथेलियों को कंधे की सीध में जमीन पर रखते हुए लंबी गहरी सांस छोड़े। फिर कमर को थोड़ा उठाकर सांस छोड़ते हुए थोड़ा-सा झुके। अब सिर को हाथों के बीच में जमीन पर रखें। इसके बाद जांघों को थोड़ा और फैलाए। फिर  सांस छोड़ते हुए हाथों को जमीन पर दबाएं और झुकाव को मजबूती दें। अगर आपके हाथ पैरों तक पहुंचते हैं तो पैर के उंगुलियों को पकड़े और अंदर की तरफ खीचें। इसके बाद सांस लेते हुए हाथों को सामने की ओर फैलाएं व धीरे से ऊपर उठे। सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे में ले आए।


सूर्य नमस्कार (Suryanamaskar) 

सूर्य नमस्कार का अर्थ है सूरज को अर्पन या नमस्कार करना। सूर्य नमस्कार में कुल 12 आसन होते हैं। इसमें 6 विधि के बाद फिर उन्हीं 6 विधि को उल्टे क्रम में दोहराया जाता है। इस आसन को सुबह सूर्य की किरणों के सामने स्वच्छ व खुली हवादार जगह पर करें।

फायदेः यह आसन बीमारियों का काल है इससे आपका नर्वस सिस्टम ठीक रहता है। आप तनाव मुक्त रहते हैं और इससे आपका ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और आपके शरीर को विटामिन डी मिलता है।

वीरभद्रासन (Virbhadrasana)

वीरभद्रासन शरीर को शक्ति और दृढ़ता देने वाला योग है। इसे तीन तरीकों से किया जाता है। आप इनमें से किसी भी एक आसन को अपनी रूटीन का हिस्सा बना सकते है। वीरभद्रासन की दूसरी मुद्रा करने के लिए अपने पैरो को 3-4 फुट की दूरी पर फैला कर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दाएं पैर को 90 डिग्री और बाएं पैर को 15 डिग्री तक मोड़े और दाहिनी एड़ी-बाया पैर के सीध में रखें। इसके बाद अपने दोनों हाथों को कंधो तक ऊपर उठाएं और हथेलियों को आसमान की तरफ खुली छोड़ दें। इस बात का ध्यान रखें कि आपका घुटना टखने से आगे न जाए। अब आप अपने सिर को घुमाएं और अपनी दाहिनी ओर देखें।

फायदेः वीरभद्रासन शरीर को शक्ति और दृढ़ता देने वाला योग है इसलिए इसे रोज करें।  यह आसन दिमाग थकान, गुस्से को दूर रखता है। साथ ही लंग्स को हैल्दी भी।



नटराजासन- Natrajasana

नटराजासन एक स्थायी आसन है जिसमें संतुलन और एकाग्रता की आवश्यकता होती है। नटराजासन को लॉर्ड ऑफ द डांस पोज (Lord of the Dance Pose) के नाम से भी जाना जाता है। नटराजासन योग करने के लिए आप सबसे पहले योगा मैट पर ताड़ासन की मुद्रा में खड़े हो जाएं। अब सांस को अंदर लेते हुए अपने बाएं पैर को पीछे की ओर घुटनों से मोड़ें और बाएं हाथ से उसके अंगूठे को पकड़ें। फिर जितना हो सकें बाएं पैर को उतना ऊपर की ओर उठाए। इस दौरान आपके शरीर का वजन दाएं पैर पर होगा। अब अपने शरीर के ऊपर के हिस्से को आगे की ओर झुकाएं लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि निचली पीठ संकुचित न हो। इसके बाद अपने दाएं हाथ को आगें की ओर सीधा करें। अब इसी तरह दूसरी तरफ से भी इस प्रक्रिया को दोहराएं। इस मुद्रा को लगभग 15 से 30 सेकंड तक कर रखें और उसके बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं। शुरूआत में संतुलन स्थापित करने के लिए आप दीवार का सहारा ले सकते हैं लेकिन धीर-धीरे इसे बिना सहारे के करने की कोशिश करें।

फायदेः इससे मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ेगा। शरीर में लचीलापन आएगा। साथ ही यह आसन शरीर में कैल्शियम जमने नहीं देता।


एरियल योग- Aerial yoga

एरियल योग को एंटी ग्रैविटी योग भी कहते हैं। एरियल योग करने के लिए शरीर को सिल्क के फैब्रिक से बांध दिया जाता है। इसमें आप एक निर्धारित ऊंचाई में बंधे होते हैं। यह जमीन पर किए जाने वाले योग से थोड़ा अलग है। इसे करते समय पॉश्चर पर खास ध्यान दिया जाता है।

फायदेः इससे कमर से राहत मिलती हैं। शरीर को पोजिटिव एनर्जी मिलती हैं।


प्राणायाम (Pranayama)

इस आसन को करने के लिए पहले सुखासन में सीधा बैठ जाएं। फिर आंखें बंद करें और ध्यान सांस पर केंद्रित करें। इसके बाद लंबी सांस ले और मन में ही 10 तक की गिनती करने के बाद सांस छोड़ दें। ऐसा 5-10 मिनट तक दोहराए फिर नार्मल हो जाएं।

फायदेः इससे सांस संबधी रोग ठीक होंगे और कई बीमारियां दूर हो जाएंगी। मन शांत रहेगा और फेफड़ों को साफ हवा मिलेगी।



चक्रासन (Chakrasana)

वेट लॉस और बैली फ्लैट करना चाहते हैं तो इस आसन का सहारा लें। चक्रासन करने में काफी कठिन होता है इसलिए इसे धीरे धीरे आराम से करने की कोशिश करें। पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ें और एड़ियों को हिप्स से स्पर्श हुए अपने पैरों को 10-12 इंच की दूरी पर रखें। अब बाजू उठाएं और कोहनियों को मोड़ लें। अपनी हथेलियों को कंधों के ऊपर सिर के नजदीक जमीन पर रख लें। फिर सांस ले और धीरे-धीरे धड़ को उठाते हुए अपनी पीठ को मोड़ लें। अब अपनी गर्दन को हल्का छोड़ते हुए बाजूओं और पैरों को सीधा तान लें। अब तक संभव हो तब तक इसी मुद्रा में रहे। इसके बाद धीरे-धीरे शरीर को नीचे करते हुए पहली वाली स्थिति में आ जाए।

एका पदा राजकपोत आसन ( Eka Pada Rajakapotasana)

शुरुआत में दोनों पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं।अब बाएं पैर को घुटनों से मोड़कर इसके तलवे को दाएं पैर की जांघ से लगाएं। फिर अपने दाएं पैर को शरीर के पीछे की ओर ले जाकर बिल्कुल सीधा कर दें। दाएं पैर को घुटनों से मोड़ते हुए उसके पंजे को सिर से लगाएं। दोनों हाथों को ऊपर उठाते हुए उन पंजों की उंगुलियों को पकड़ लें और छाती को बाहर की ओर करें।

फायदेः यह आसान कूल्हों की चर्बी घटाकर उसे शेप में लेकर आता है। इससे यूरिनरी सिस्टम बेहतर होता है और थाइराइड की परेशानी से राहत भी मिलती है। यह मांसपेशियों को मजबूती देता है।

गरुड़ासन (Garudasana)

गरुड़ासन करते हुए आपको बैठने या लैटने की जरूरत नहीं होती। इसे करने के लिए आप सावधान स्थिति में खड़े हो जाएं। इसके बाद दोनों हाथों को सीने के सामने लाकर पैरों की तरह लपेटते हुए नमस्कार की मुद्रा में आएं। इस क्रिया को एक तरफ से करने के बाद दूसरी तरफ से भी किजिए। इस क्रिया को दोनों पैरों से 5-5 बार करें।

फायदेः इससे आपके शरीर में दिनभर स्फूर्ति बनी रहेगी और आपको वर्क के दौरान नींद भी नहीं आएगी। गरुड़ासन करने से आपके शरीर में दिनभर स्फूर्ति बनी रहेगी और आपका कम काम में लगेगा और शरीर चुस्त रहेगा।


शीर्षासन (Sirsasana)

इस आसन को करने के लिए योग मैट पर बैठकर अपनी उंगुलियों को इन्टर्लाक करें और अपने सिर को उस पर रखें। धीरे धीरे अपने पैरों को इन्टर्लाक अंगुलियों का मदद लेते हुए ऊपर उठाएं और इसे सीधा करने की कोशिश करें। शरीर का पूरा भार अब आप इन्टर्लाक किए हुए अंगुलियों और सिर पर लें। इस अवस्था में कुछ देर तक रुकें और फिर धीरे-धीरे घुटनों को मुड़ते हुए पैरों को नीचे लेकर आए और सामान्य स्थिति में आ जाएं। आप इस पोजीशन में 2-3 मिनट तक रुके।

फायदेः यह आसन आपको बांझपन, अनिद्रा और साइनस की प्रॉब्लम से दूर रखता है। इससे रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।



अगर आप निरोग रहना चाहते हैं तो अपनी दिनचर्या में योग को जरूर शामिल करें और साथ ही अच्छी डाइट लें। निरोग जीवन का यहीं मूल मंत्र है।

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