दुनियाभर में 1 दिसंबर को 'विश्व एड्स दिवस' मनाया जाता है। एड्स को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए इस दिन को मनाया जाता है। HIV वायरस से फैलने वाली इस बीमारी में प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। अध्ययन होने के बाद भी इस घातक बीमारी का कोई स्पष्ट इलाज नहीं मिल पाया गया है। ऐसे में हर किसी को इसके लक्षणों के बारे में पता होना बहुत जरूरी है। चलिए जानते हैं एड्स के लक्षण, कारण और इससे बचाव के तरीकों के बारे में।
36.9 मिलियन लोग है एड्स से ग्रस्त
यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट के अनुसार, अभी इस पर बहुत शोध करने की जरुरत है। हालांकि अगर इसके बारे में आपको सही जानकारी हो तो इससे बचाव किया जा सकता है और खुद को स्वस्थ रखा जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2017 के आंकड़ों के अनुसार, 36.9 मिलियन लोग HIV से ग्रस्त हैं।
HIV वायरस से होता है एड्स
हानिकारक एजेंट्स से लड़ने के लिए मानव के शरीर में प्राकृतिक रक्षा तंत्र होता है जिसे इम्यून सिस्टम कहते हैं। शरीर को बीमारियों से बचाने के लिए इम्यून सिस्टम सफेद रक्त कोशिकाओं को इस्तेमाल करता है। इन कोशिकाओं की सतह पर एक ग्लाइकोप्रोटीन CD4 होता है। वहीं, एचआईवी वायरस इम्यून सिस्टम पर अटैक करके उसे कमजोर कर देता है और CD4 को कम करता है, जिसकी वजह से आप एड्स की चपेट में आ जाते हैं।
किन कारणों से हो सकता है एड्स?
HIV एड्स से पीड़ित व्यक्ति की सुई लगाना
HIV संक्रमित खून स्वस्थ व्यक्ति को चढ़ाना
प्रेग्नेंसी के दौरान संक्रमित मां से बच्चे को
संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाना
दूषित पानी पीने से
एड्स के लक्षण
अचानक वजन घटना
शरीर में लाल चकत्ते होना
रात में पसीना आना
गला सुखना
मांसपेशियों में दर्द
ठंड लगना
मांसपेशियों में दर्द
त्वचा पर लाल चकत्ते
ग्लैंड्स का बढ़ना
शरीर में कमजोरी आना
आखिरी स्टेज पर दिखने वाले लक्षण
आंखों का धुंधला हो जाना
डायरिया
सूखी खांसी
रात में पसीना आना
हमेशा थकान रहना
कई सप्ताह तक बुखार रहना
जीभ पर सफेद दाग होना
सांस लेने में परेशानी होना
कैसे रखें इस वायरस से बचाव?
बचाव के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप HIV इंफेक्शन के बारे में अधिक-से अधिक जानकारी प्राप्त करें। कुछ लोगों को लगता है कि एड्स छूने से फैलता है, जोकि पूरी तरह गलत है। चलिए जानते हैं कि तरह आप एचआईवी इंफेक्शन के खतरे से सुरक्षित रह सकते हैं-
-उन खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें जिनके दूषित होने ठीक संभावनाएं हों जैसे कच्चे अंडे, फलों का जूस आदि।
-गंदा पानी पीने से भी एचआईबी एड्स फैलने की संभावना बढ़ जाती है इसलिए दूषित पानी का सेवन ना करें।
-सुरक्षित यौन संबंध बनाएं। संबंध बनाते समय सेफ्टी का ध्यान रखें।
एड्स का उपचार
एड्स के लिए कोई इलाज नहीं है लेकिन उपचार के जरिए इसे कंट्रोल किया जा सकता है, जो रोगियों को स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने में मदद करते हैं। इसमें एड्स के रिस्क को कम करने के लिए एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) और एचआईवी दवाएं शामिल हैं। उपचार ना कराने पर एचआईवी से संक्रमित लोगों में टीबी, मेनिनजाइटिस, बैक्टीरियल इंफेक्शन और लिम्फोमा कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है।