गर्भाशय कैंसर (यूट्रस कैंसर) एक ऐसी बीमारी है, जो महिलाओं को किसी भी उम्र में हो सकती है। हालांकि 30-45 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को इसका खतरा ज्यादा रहता है। औरतों के लापरवाही के कारण उनमें इस कैंसर के होने की संभावना बढ़ रही है। वहीं यह कैंसर होने एक सबसे बड़ा कारण महिलाओं को इसका सही जानकारी ना होना भी है। आज वर्ल्ड कैंसर डे के मौके पर हम आपको इस बीमारी के कारण, लक्षण व बचाव के तरीके बताएंगे, जिससे महिलाओं में इसके खतरे को कारण हद तक कम किया जा सकता है।
गर्भाशय कैंसर के कारण
इसका कारण सबसे पहला कारण तो माहवारी के समय होने वाला इंफेक्शन है। महिलाएं इस समय साफ सफाई का ध्यान नहीं रखती हैं, जोकि खतरनाक हो सकता है। साथ ही सैनेटरी पैड का ज्यादा इस्तेमाल भी इसका जोखिम बढ़ाता है। इसके अलावा आनुवांशिक, गर्भनिरोधक गोलियां, पीरियड्स जल्दी शुरू होना, 50 साल की उम्र के बाद मेनोपॉज होना, धुम्रपान करना, मोटापा, अधिक दवाइयों का सेवन और हार्मोन्स असंतुलित होना यूट्रस कैंसर का कारण बन सकता है।
बढ़ाता है ब्रेस्ट कैंसर की संभावना
आंकड़ों के अनुसार, हर 70 महिलाओं में से एक को गर्भाशय कैंसर होता है, उनमें ब्रेस्ट कैंसर की संभावना भी बढ़ जाती है। इतना ही नहीं, हर 5 में से एक महिला को गर्भाशय कैंसर आनुवांशिक रूप से होता है।
गर्भाशय कैंसर के लक्षण
सांस लेने में तकलीफ होना
यूट्रस कैंसर के कारण पेट में तरल पदार्थ जैसा तत्व बनता है, जो पेट की लाइनिंग को परेशान करता है। इसके कारण ही आपको सांस लेने में भी तकलीफ होने लगती है।
हमेशा थकान महसूस होना
हमेशा थकान महसूस होना या सामान्य से अधिक नींद आना भी गर्भाशय कैंसर का शुरूआती लक्षण है। ऐसे में आपको सावधान होकर जांच करवानी चाहिए।
वैजाइनल असामान्यता
ब्लड स्पॉटिंग या मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग होना गर्भाशय कैंसर का खतरनाक लक्षण है। ऐसा तब होता है जब कैंसर आसपास के उतकों तक फैल जाता है। ऐसे में आपको तुरंत जांच करवानी चाहिए।
संबंध बनाते समय दर्द होना
ओवरी में ट्यूमर होने के कारण संबंध बनाते समय बहुत दर्द होता है, जिसे डायसपारुनिया कहा जाता है।
बार-बार पेशाब आना
अचानक लगातार पेशाब आना, पेशाब में खून आना या मूत्राशय पर नियंत्रण न रहना भी यूट्रस कैंसर के शुरूआती संकेत है।
पीठ के पिछले हिस्से में दर्द
ओवेरियन कैंसर के कारण महिलाओं में पीठ में पीछे नीचे की ओर दर्द होता है। समय के साथ-साथ यह दर्द भी बढ़ता जाता है।
पेट में सूजन या पेट फूलना
गर्भाशय कैंसर में पेट के निचले भाग में दर्द, पेट फूलना, अपच, गैस बनना, मितली और हार्टबर्न आदि जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।
इस तरह करें बचाव
यूट्रस कैंसर से बचना है तो तंबाकू का सेवन ना करें। इसके अलावा अल्कोहल से भी परहेज करें।
30 साल की उम्र के बाद रेगुलर कैंसर की जांच करवाएं।
महिलाओं को 30-45 की उम्र में नियमित पेप स्मियर जांच करवाते रहना चाहिए।
मांसाहारी भोजन का सेवन ना करें क्योंकि इससे कैंसर का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।
वायरस और बैक्टीरिया इंफेक्शन से खुद का बचाव करें।
कैंसर के साथ-साथ अन्य बीमारियों से बचने के लिए जरूरी हैं कि आप स्वस्थ आहार लें। अपनी डाइट में नट्स, फल व सब्जियों को ज्यादा अहमियत दें।
बढ़ता मोटापा बीमारियों का घर है इसलिए अपने वजन कंट्रोल में रखें। इसके लिए आप नियमित रूप से व्यायाम, योग, जिम या एक्सरसाइज कर सकते हैं।
असामान्य रक्तस्राव का तुरंत उपचार करें क्योंकि इससे यूट्रस कैंसर का संभावना बढ़ जाती है।