महिला हो या पुरुष दोनों को सामान वेतन मिलना चाहिए, अपने इसी हक को हासिल करने के लिए 14 जून को स्विट्जरलैंड की 15 लाख महिलाएं हड़ताल पर जाएंगी। सामान वेतन की मांग को पूरा करवाने के लिए यहां पर 28 साल बाद हाउसवाइफ व ऑफिस वर्किंग महिलाएं सड़कों पर उतरेंगी। इससे पहले 1991 में असमानता झेल रही 5 लाख महिलाओं ने मिलकर हड़ताल की थी।
समान योग्यता पर भी मिलता 8% कम वेतन
यूनियनों, अधिकार समूहों का कहना है कि जीन दशकों के बाद यहां पर काफी बदलाव आया है लेकिन महिलाओं को एक समान वेतन देने के लिए सरकार को एक बार जागरुक करने की दोबारा जरुरत हैं। क्योंकि अभी भी यहां पर महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले 20% कम वेतन मिलता हैं।
इतना ही नहीं, समान योग्यता रखने वाले पुरुष व महिलाओं की मजदूरी में भी लगभग 8% का अंतर हैं। शोध के अनुसार स्विट्जरलैंड में काम कर रही महिला को अपने करियर के दौरान तीन लाख स्विस फ्रैंक यानि की दो करोड़ 16 लाख 84 हजार 640 रुपए का धोखा दिया जाता हैं इसलिए हड़ताल में महिलाएं अधिक समय, धन और सम्मान की मांग कर रही हैं।
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