गर्भाशय कैंसर (यूट्रस कैंसर) ऐसी बीमारी है जो महिलाओं को किसी भी उम्र में हो सकती है। 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है। औरतों के लापरवाही बरतने के कारण उनमें यह कैंसर तेजी से बढ़ता जा रहा है। गर्भाशय कैंसर के लक्षणों को महिलाएं अक्सर नजरअंदाज करती रहती हैं, जिसके कारण यह बीमारी गंभीर रूप ले लेती है। वहीं, ज्यादातर महिलाएं इस बीमारी की सही जानकारी न होने के कारण वह इसकी चपेट में आ जाती है। ऐसे में आज हम आपको इस बीमारी के कुछ कारण और लक्षण बताएंगे, जिसे पहचानकर आप इस बीमारी के खतरे को समय रहते कम कर सकती हैं। तो चलिए जानते हैं इस बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव के तरीके।
गर्भाशय कैंसर के कारण
पीरियड्स जल्दी शुरू होना
50 साल की उम्र के बाद मेनोपॉज होना
आनुवांशिक
धुम्रपान करना
मोटापे के कारण
अधिक दवाइयों का सेवन
हार्मोन्स असंतुलित होना
गर्भाशय कैंसर के लक्षण
1. सांस लेने में तकलीफ होना
यूट्रस कैंसर के कारण पेट में तरल पदार्थ जैसा तत्व बनता है, जो पेट की लाइनिंग को परेशान करता है। इसके कारण ही आपको सांस लेने में भी तकलीफ होने लगती है।
2. हमेशा थकान महसूस होना
हमेशा थकान महसूस होना या सामान्य से अधिक नींद आना भी गर्भाशय कैंसर का शुरूआती लक्षण है। ऐसे में आपको सावधान होकर जांच करवानी चाहिए।
3. बार-बार पेशाब आना
अचानक लगातार पेशाब आना, पेशाब में खून आना या मूत्राशय पर नियंत्रण न रहना भी यूट्रस कैंसर के शुरूआती संकेत है।
4. वजाइनल असामान्यता
ब्लड स्पॉटिंग या मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग होना गर्भाशय कैंसर का खतरनाक लक्षण है। ऐसा तब होता है जब कैंसर आसपास के उतकों तक फैल जाता है। ऐसे में आपको तुरंत जांच करवानी चाहिए।
5. संबंध बनाते समय दर्द होना
ओवरी में ट्यूमर होने के कारण संबंध बनाते समय बहुत दर्द होता है, जिसे डायसपारुनिया कहा जाता है।
6. पीठ के पिछले हिस्से में दर्द
ओवेरियन कैंसर के कारण महिलाओं में पीठ में पीछे नीचे की ओर दर्द होता है। समय के साथ-साथ यह दर्द भी बढ़ता जाता है।
7. पेट में सूजन या पेट फूलना
गर्भाशय कैंसर में पेट के निचले भाग में दर्द, पेट फूलना, अपच, गैस बनना, मितली और हार्टबर्न आदि जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।
इस तरह करें गर्भाशय कैंसर बचाव
तंबाकू का सेवन ना करना
एल्कोहल से परहेज
रेगुलर कैंसर की जांच
महिलाओं में पेप स्मियर जांच
मांसाहारी भोजन का सेवन कम करें
वायरस और बैक्टीरिया से करें बचाव
स्वस्थ आहार लेना
वजन कंट्रोल में रखें
नियमित रूप से व्यायाम करना
फलों और सब्जियों का अधिक सेवन
असामान्य रक्तस्राव का तुरंत उपचार करें