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पुरुषों के मुकाबले महिलाएं क्यों जीती हैं लंबी उम्र?

  • Edited By Priya verma,
  • Updated: 13 Oct, 2018 02:10 PM
पुरुषों के मुकाबले महिलाएं क्यों जीती हैं लंबी उम्र?

हमेशा से ऐसा माना जाता रहा है कि औरतें पुरुषों से ज्यादा जिंदगी जीती हैं। दुनिया भर के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में महिलाएं पुरुषों से लगभग 65 साल, ब्रिटेन में 5.3 साल, रूस में 12 साल जबकि भारत में लगभग 6 महीने ज्यादा जिंदा रहती हैं। हालांकि भारत का आंकड़ा बाकी देशों के मुकाबले कम है। 

महिलाओं को मिला बायोलॉजिकल लाभ
महिलाओं की ज्यादा उम्र के पीछे बायोलॉजिकल लाभ जुड़ा हुआ है। औरतों ने पीरियड्स और मां बनने जैसे कई परेशानियों में जैविक लाभ से समझौता किया है। एक्स (X) और वाई (Y) क्रोमोसोम पुरुष और महिलाओं दोनों में पाए जाते हैं। इनके गुणों द्वारा ही माता-पिता की शारीरिक समानता जैसे रंग, नाक, आंख, कान, लंबाई और यहां तक की कुछ बीमारियां भी अपने आप उनके बच्चे में आ जाती हैं। यही जैविक आधार औरतों की लंबी उम्र का राज है।

महिलाओं में दो एक्स गुणसूत्र 
जैविक और बायोलॉजिकल लाभ औरतों की उम्र को बहुत प्रभावित करते हैं। औरतों को दो क्रोमोसोम यानि एक्स गुणसूत्र मिले होते हैं। जब भी उनके शरीर में कोई आनुवंशिक परिवर्तन (Genetic mutation) होता है तो उन दो में से एक एक्स अपना बैकअप खुद ले लेता है यानि एक एक्स के खराब या डेड हो जाने पर दूसरा उसकी जगह काम करता है। 

पुरुषों में एक एक्स गुणसूत्र 
जबकि दूसरी तरफ पुरुषों में सिर्फ एक ही एक्स गुणसूत्र होता है। एक एक्स ही उनके सभी जीन्स को व्यक्त करता है। फिर वे चाहे क्षतिग्रस्त हो या न हो, उनके पास कोई बेकअप एक्स नहीं होता। 

ब्रेस्ट फीडिंग भी जिम्मेदार 
महिलाओं का शरीर पुरुषों के मुकाबले लचीला होता है। महिला एस्ट्रोजन हार्मोंस रक्त में मौजूद लिपिड पर बहुत अच्छा प्रभाव डालते हैं। जिससे दिल की बीमारियों से काफी हद तक बचाव रहता है। प्रेग्नेंसी और ब्रेस्ट फीडिंग उनकी उम्र को बढ़ाने मे जिम्मेदार हैं। इससे ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव रहता है। 
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महिलाओं का मस्तिष्क विकास ज्यादा
एक शोध में पाया गया कि मस्तिष्क के दाएं और बाएं गोलार्द्धों के बीच संपर्क स्थापित करने वाला कॉर्पस कॉलोसम लड़कों की तुलना में लड़िकयों में बड़ा होता है। जिससे दिमाग दोनों तरफ से भाषा की सक्रियता दिखाता है जबकि पुरुष इसके लिए सिर्फ बाएं हिस्से का इस्तेमाल कर सकते हैं। गुस्से के आवेग को कंट्रोल करने की क्षमता महिलाएं में बड़ी होती है। इसी कारण उनकी सेहत अच्छी रहती है जबकि पुरुष इन चीजों पर जल्दी कट्रोल नहीं कर पाते। जिससे हृदय रोग का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। 
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पुरुषों का टेस्टोस्टेरोन हार्मोंस बढ़ाता है बीमारियां
पुरुषों में 15 से 24 साल की आयु टेस्टोस्टेरोन हार्मोंस का ज्यादा विकास होता है। जो शरीर में खराब  कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। जिससे दिल के रोग बढ़ने की संभावना ज्यादा रहती है जबकि महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा में वृद्धि करके खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इससे स्ट्रोक की संभावना बहुत कम हो जाती है। 

महिलाएं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक
महिलाएं पुरुषों के मुकाबले अपनी सेहत के प्रति ज्यादा जागरूक होती हैं। वे हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाती हैं, जबकि पुरुष अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ज्यादा जोखिम उठाना पसंद करते हैं। जिससे वे अपनी सेहत की नजरअंदाजी करते हैं। 
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निष्कर्ष के अनुसार जैविक प्रक्रिया को छोड़कर जीवनशैली भी औरतों की दीर्घायु का कारण है। इसके अलावा पुरुषों का हिंसक स्वभाव,सिगरेट पीना, शराब का सेवन,तेज ड्राइविंग आदि पुरुषों का मृत्यु दर को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। 


 

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