दूध, दहीं और माखन के प्रति कान्हा के स्नेह का भला कौन नहीं जानता। बाल गोपाल को ये सब चीजें इतनी पसंद थी कि वे इन्हें चुराकर भी खा जाया करते थे। उनकी इन्ही शरारतों से तंग आकर मां यशोद्धा उन्हें कई बार बांधकर भी रखती थी ताकि वह और माखन चुराकर न खा पाएं। उनकी इन्हीं सब शरारतों की वजह से कान्हा सबके प्रिय थे। आज भी हर जगह कान्हा को भोग लगवाते वक्त सभी जगहों पर दूध, दहीं और माखन का उपयोग जरुर किया जाता है। न केवल इन्ही चीजों का बल्कि इनसे बने कई तरह के अलग-अलग तरह के कई व्यंजन भी तैयार किए जाते हैं। आप भी आज के दिन कान्हा के लिए कुछ स्पेशल बनाने की कोशिश जरुर करें...
खीर
कान्हा को भोग लगाने के लिए दूध और साबूदाने से बनी खीर तैयार करें। पुराने समय में साबूदाने से बनी खीर को छप्पन भोग में भी शामिल किया जाता था। खीर में इलायची और केसर डालना मत भूलें। दूध से बनी यह खीर कान्हा को बहुत ही प्रिय मानी जाती है। ऐसे में इसे भोग लगाते वक्त शामिल करना मत भूलें।
माखन मिश्री
कान्हा को सबसे प्रिय माखन मिश्री बनाना बहुत ही आसान है। घर पर निकाले हुए ताजे माखन में मिश्री और थोड़ा सा सिंदूर डालकर मिक्स करें। कान्हा को माखन मिश्री बहुत ही प्रिय थी, ऐसे में भोग लगाते वक्त इसे थाली में रखना मत भूलें।
गोपाल काला
इसे बनाने के लिए आपको पिसे हुए चावल, खीरा, नारियल, घी, दहीं, चीनी और जीरा की जरुरत होगी। इन सब चीजों को अच्छे से मिक्स करके लड्डू की शेप देकर भोग लगाते वक्त कान्हा के आगे रखें।
मालपुआ
मालपुआ जन्माष्टमी की एक अन्य स्पेशल डिश है। इसे बनाने के लिए मैदा, पानी, दूध और चीनी की आपको आवश्यकता होगी। साथ में आप इलायची और सौंफ भी इसमें डाल सकते हैं। इनका घोल तैयार करने के बाद इन्हें डीप फ्राई करें या फिर तवे पर डालकर इन्हे पकाएं। मालपुआ तैयार होने के बाद इन्हें चाशनी में डिप करना मत भूलें।
रवा लड्डू
भुनी हुई सूजी,नारियल का बुरादा, ड्राई फ्रूट्स, चीनी और घी को इकट्ठा करके इनकी छोटी-छोटी बॉल्स बना लें। लड्डू गोपाल को भोग लगाते वक्त इन लड्डुओं से उनका मुख मीठा जरुर करवाएं।
पंच अमृत
12 बजते ही कान्हा को दूध,दहीं, घी, शहद, चीनी और तुलसी की पत्तियों से स्नान करवाया जाता है। उस जल को यूंही फेंका नहीं जाता बल्कि उसका इस्तेमाल पंच अमृत के रुप में किया जाता है। श्रद्धा भाव से उस जल का सेवन खुद भी करें और दूसरों को भी करवाएं।
पंजीरी
धनिया पाउडर, चीनी, देसी घी, काजू , पिस्ता, बादाम और किशमिश से तैयार यह पंजीरी कान्हा को बहुत ही प्रिय है। पूजा के बाद मंदिरों में सबसे पहले इसी पंजीरी का प्रसाद बांटा जाता है।