जब इंसान किसी मुश्किल में फंस जाता है तो वह उस दौरान मिलने वाले दर्द को अच्छे से समझ जाता है। ऐसे में उसकी कोशिश होती है कि कोई ओर उस दर्द को न सहे, खास कर वह लोग जिनकी मदद के लिए व्यक्ति आगे नहीं आते है।
मुंबई में हो रही बारिश के इस मौसम में विद्याविहार के विशाल भानुशाली का परिवार भी एक ऐसी ही मिसाल बन रहे हैं। इस बारिश में उन्होंने न केवल 36 लोगों को घरों तक पहुंचाया है बल्कि बेजुबानों को शोल्टर होम भी पहुंचाया हैं। विशाल खुद बारिश के कारण 2005 में आई बाढ़ का मंजर देख चुके है। ऐसे में जब भी किसी को मदद की जरुरत होती वह बिना सोचे समझे लोगों की मदद के लिए निकल पड़ते हैं।
पूरा परिवार करता है मदद
मूसलाधार बारिश के दौरान सड़कों से लेकर रेलवे स्टेशनों पर जो लोग फंसे हुए थे उन लोगों की मदद के लिए विद्याविहार परिवार आगे आया। विद्यावाहर ईस्ट की नीलकंठ वैली में रहने वाले विशाल व जैस्मीन भानुशाली ने 36 लोगों की मदद करते हुए उन्हें स्टशन व आसपास के इलाकों में पहुंचने में मदद की। इसमे उनकी बेटी व जैस्मीन की बहन उर्वी ने मदद की।
लोगों के साथ उन्होंने जानवरों को भी शेल्टर होम में छोड़ा। उसके बाद लोगों को चेंबूर, तिलक नगर व मुंबई की अन्य जगहों पर छोड़ने के लिए गए। इसमें एक बुजुर्ग दंपति, एक विजिलेंस ऑफिसर की पत्नी, पिज्जा आउटलेट और सॉफ्टवेयर कंपनी के कर्मचारी शामिल थे।
आर्शीवाद मिलने पर मिलती हैं खुशी
उनका कहना है कि जब इस काम के लिए आर्शीवाद मिलता है तो उन्हें काफी अच्छा लगता हैं। जैस्मीन उनके साथ रात में इसलिए जाती है ताकि महिलाएं मदद लेने से पीछे न हटे। जब एक महिला को उन्होंने घर पर छोड़ा तो उसकी मां ने उन्हें काफी आर्शीवाद दिया।
खुद दे चुकें है तबाही का मंजर
विशाल लोगों को इस तरह मुसीबत में नहीं देख सकते है क्योंकि उन्होंने जुलाई 2005 में बाढ़ का मंजर देखा। उन्होंने उस दिन काफी ऐसी चीजें देखी जिस ने उन्हें इस तरह लोगों की मदद करने के लिए प्रेरित किया। उस दिन एक व्यक्ति मेनहोल में गिर गया था लेकिन वह कुछ नहीं कर पाए थे।
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