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Women Problem: आपकी 7 गलतियों से होती है UTI इंफेक्शन, देसी नुस्खे करेंगे इलाज

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 29 Apr, 2019 05:06 PM
Women Problem: आपकी 7 गलतियों से होती है UTI इंफेक्शन, देसी नुस्खे करेंगे इलाज

यूटीआई यानि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफैक्शन (UTI)  महिलाओं को होने वाली एक सामान्य प्रॉबल्म है जो कि गर्मियों में जल्दी होती है। यह प्रॉब्लम प्राइवेट पार्ट की सफाई न रखने से होती हैं। सिर्फ शादीशुदा या अधिक उम्र की महिलाओं को ही नहीं बल्कि कम उम्र की लड़कियों को भी इस परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्‍शन बैक्टीरिया, फंगस और वायरस से होने वाला इंफेक्शन है, जो मूत्रमार्ग से होते हुए ब्लैडर तक पहुंच कर इंफैक्शन फैलाती है। इसके कारण कई बार ब्लैंडर में सूजन भी हो जाती है। ऐसे में आज हम आपको कुछ घरेलू नुस्खे बताएंगे, जिससे आप इस समस्या से राहत पा सकती हैं।

 

दो तरह के होता है UTI इंफेक्शन

यूटीआई आपके मूत्र मार्ग में कहीं भी हो सकता है किडनी, ब्लैडर, (मूत्रवाहिनी)Ureters, यूरेथ्रा (Urethra) आदि इस इंफेक्शन की गिरफ्त में आ सकते हैंं। यह इंफेक्शन दो तरह का होता है एक lower urinary tract UTI और दूसरा upper urinary tract। अगर इंफेक्शन नीचे हैं तो इससे मूत्रमार्ग प्रभावित होगी और अगर ऊपर तो किडनी, ब्लैडर और मूत्रवाहिनी। ज्यादातर लोग निचले हिस्से की इंफैक्शन से ही ग्रस्त होते हैं जो कि आम बात है।  


वहीं जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है वो ब्लैडर इंफेक्शन के शिकार हो जाते हैं अगर यह इंफेक्शन किडनी का है तो इसे प्रॉब्लम को गंभीरता से लेने की जरूरत होती हैं क्योंकि इससे बुखार, यूरिन में ब्लड,प्राइवेट पार्ट में दर्द आदि जैसी प्रॉब्लम होने लगती हैं। प्रेग्नेंट औरतों को इस इंफेक्शन की अधिक संभावना होती है।

15 से 40 की उम्र वाली महिलाओं को अधिक समस्या

पुरुष हो या महिला, दोनों को ही यह इंफेक्शन हो सकता है लेकिन महिलाएं इस इंफेक्शन का जल्दी शिकार होती हैं। लगभग 40% महिलाओं और 12% पुरुष, अपनी पूरी लाइफ में कभी न कभी इस इन्फेक्शन के शिकार हो जाते हैं। महिलाएं में 15 से 40 की उम्र के बीच यह समस्या अधिक होती है। वहीं, मेनोपॉज के बाद भी मूत्र संबंधी समस्याएं बढ़ जाती है क्योंकि इस दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम होने लगता है लेकिन प्राइवेट पार्ट की सफाई न करने से कम उम्र की महिलाओं को भी यह परेशानी हो जाती हैं। बच्चे इस समस्या का शिकार तब होते हैं, जब उनकी पेशाब की थैली या गुर्दे में किसी तरह की कोई समस्या हो।

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यूटीआई के कारण

देर तक यूरिन को रोक कर रखना
दवाइयों का सेवन ना करना
तरल पदार्थ का कम सेवन
कॉफी और शराब का अधिक सेवन
इम्यूनिटी सिस्टम का सही न रहना
पीरियड्स के दिनों में साफ-सफाई न रखना
शौचालय के बाद प्राइवेट पार्ट की सफाई न करना

यूटीआई इंफेक्शन होने के संकेत

बार-बार टायलेट आना
मल त्याग करते समय दर्द
कभी-कभार मल से खून आना
पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द
ठंड लगना और तेज बुखार
पीठ में तेज दर्द होना
थकान और चक्कर आना
यूरिन के रंग में बदलाव
यूरिन में जलन व बदबू आना

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अपनाएं ये घरेलू उपाय
भरपूर पानी पिएं

भरपूर मात्रा में पानी पीने से ब्लैंडर में जमा हुए बैक्टीरिया निकल जाते हैं, जिससे आपको इस समस्या से राहत मिलती है। आप चाहे तो अनानास का जूस, नारियल और चावल का पानी भी पी सकते हैं। दिन में कम से कम 8 से 12 गिलास पानी जरूर पीएं।

सिट्रिक एसिड युक्त फल-सब्जियां

अगर आपको भी यह समस्या है तो अधिक से अधिक सिट्रिक एसिड युक्त फल व सब्जियों का सेवन करें। यह इंफैक्शन वाले बैक्टीरिया को खत्म करके आपको इस समस्या से बचाता है।

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गेहूं और मिसरी

रात को सोने से पहले एक मुट्ठी गेंहू को पानी में दें। सुबह इस पानी को छानकर इसमें मिसरी मिलाएं और पी लें। इससे आपको यूटीआई से जल्दी छुटकारा मिलेगा।

बादाम और इलायची

यूटीआई से छुटकारा पाने के लिए बादाम, हरी इलायची और मिसरी को पीसकर पानी में मिक्स करके पीएं। इससे मल त्याग के दौरान होने वाले दर्द व जलन से भी छुटकारा मिलेगा।

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आंवला का पानी

यूटीआई की समस्या में आंवले के चूर्ण में इलायची मिलाकर पानी स भी आराम मिलता है। साथ ही इससे पेट दर्द और मल त्याग के दौरान होने वाले दर्द व जलन से भी छुटकारा मिलता है।

इन बातों का भी रखें ध्यान

-पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करते समय हमेशा साफ-सफाई का ध्यान रखें।
-टॉयलेट यूज करने से पहले और बाद में फ्लश जरूर करें। 
-सिगरेट और शराब का सेवन न करें।
- अगर आप घंटो तक पेशाब रोक कर रखते हैं तो ऐसा बिल्कुल न करें। 
- प्राइवेट पार्ट की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें।
-मूत्र त्याग करने के बाद योनि को अच्छे से साफ करें ताकि इन्फेक्शन न हो।
-गर्मी के मौसम में हमेशा सूती और आरामदायक अंडरगार्मेंट्स पहनें। 
-बाहरी और खुले जगहों में खाने से परहेज करें क्योंकि खून में होने वाली इंफैक्शन यूरिन तक पहुंचकर यूटीआई का कारण बनती है।

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