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Child care: डायपर रैशेज से छुटकारे के लिए ट्राई करें ये घरेलू नुस्खे

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 30 Jan, 2019 01:18 PM
Child care: डायपर रैशेज से छुटकारे के लिए ट्राई करें ये घरेलू नुस्खे

छोटे बच्चे की स्किन बहुत नाजुक होती है, इसलिए बहुत केयर के बाद भी बच्चे को डायपर रैशेज अक्सर हो जाते हैं।   डायपर रैशेज, डायपर से होने वाले बहुत से डायपर साइड इफेक्ट मैं से एक है।  छोटे बच्चों को यह परेशानी नैपी रैशेज की वजह से होती है। इसके अलावा,  अगर आप घर पर ही बने डायपर का इस्‍तेमाल कर रहें हैं तो उन्हें आप स्ट्रॉन्ग डिटरडेंट में धो रहे हैं फिर भी उस नैपी से डिटरजेंट के कैमिकल्स नहीं निकल पाते तो ऐसे डायपर के इस्तेमाल से रैशेज का डर ज्यादा रहता है। इस वजह से होने वाले दानों का घरेलू और नैचुरल उपचार बेहद आसान है। आज हम आपको कुछ ऐसी घरेलू और आसान टिप्स बता रहे हैं जिनके इस्तेमाल से आप इस समस्या से आसानी से निजात पा सकते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं वो नुस्खे।

 

बेकिंग सोडा

डायपर रैशेज से छुटकारे के लिए बेकिंग सोडा बहुत कारगर सिद्ध हो सकता है। इसके इस्तेमाल से डायपर रैशेज की प्रॉबल्म दूर हो सकती है। इसे बनाने के लिए आप 2 चम्मच बैकिंग सोडे को गुनगुने पानी में मिलाएं और बच्चे के रैशेज वाली जगह पर लगा दें। आप देखेंगे कि बच्चे के रैशेज सही होने के साथ ही लालपन और जलन भी दूर हो गए हैं। 

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एलोवेरा ऑइल

बच्चों की स्किन बहुत नाजूक होती है। इसलिए रैशेज वाली जगह पर एलोवेरा जैल लगाने से जलन दूर हो जाती है। आप चाहें तो इसके लिए डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं।

 

नारियल का तेल

नारियल के तेल आपके बच्चे के शरीर पर फंगस या माइक्रोबियल इन्फेक्शन होने से रोकता है। ये आपके बच्चे की त्वचा को राहत देता है। आप डायपर एरिया में नारियल तेल दिनभर में कई बार लगा सकते हैं। इसके अलावा आप तेल की कुछ बूंदें नहाते वक़्त पानी में भी डाल सकते हैं ताकि स्किन में नमी भी बनी रहे और साथ-साथ ये यीस्ट इन्फेक्शन को भी रोकता है।

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दूध और दही

मां का दूध बच्चे की ग्रोथ के लिए अहम होता है। मां का दूध बच्चे के हर दर्द का इलाज है। बच्‍चें के रेशेज से छुटकारा पाने के लिए माएं अपना ब्रेस्‍ट मिल्‍क लगा सकती है। जहां रेशेज हुए हो वहां ब्रेस्‍ट मिल्‍क की कुछ बूंदे लगा दें इससे बच्‍चें को कुछ हद तक राहत मिलेगी। आप रैशेज में  दही का इस्तेमाल एक क्रीम के रूप में भी कर सकती है।

 

कॉर्नस्टार्च

ये नमी को सोखता है और फ्रिक्शन को कम करता है जिससे डायपर रैश का इलाज़ होता है।सिम्पली बच्चे के गिले डायपर को निकालें , बेबी के निचले हिस्से को गर्म पानी से धोएं। इसके बाद सूखने के बाद वहां कॉर्नस्टार्च अप्लाई करें और फिर उसे सूखने के लिए हवा में छोड़ दें। इस प्रक्रिया को हर बार दोहरायें जब भी आप बच्चे का डायपर बदलते हैं।

 

पेट्रोलियम जेली

बच्चे के डायपर एरिया को सुखा और साफ रखने के लिए पेट्रोलियम जेेली एक अच्छा उपाय है। ये बच्चे को टॉयलेट या पॉटी के दौरान जलन होने से भी बचाता है। एक बार आप बच्चे के डायपर एरिया को गर्म पानी और सूखे कपडे से साफ़ कर दें तो आप उस पर पेट्रोलियम जेली लगा सकते हैं। इस प्रक्रिया को बेबी को नहाने के बाद हर बार दोहरायें। 

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गर्म पानी

गुनगुने पानी में ब्रेंकिग सोडा मिलाकर बच्चों की एलर्जी पर लगाए, इससे बच्चों को रेशेज से जल्दी आराम मिलेगा। इसके अलावा आप चाहें तो सामान्‍य कपड़े को सादे गुनगुने पानी में डुबोएं और जहां बच्‍चे को रेशेज है वहां लगाएं। 

 

खुली हवा

खुली हवा में छोड़े बच्‍चे की स्किन में रेशेज होने की पीछे वजह होती है उनके नाजुक अंगों तक सही तरीके से हवा का ना पहुंच पाना। इसके अलावा दिनभर डायपर में पसीने और हवा की कमी के वजह से रेशेज हो जाते है। इसलिए बच्‍चों को कुछ देर के लिए खुली हवा में भी छोड़े।

 

सेेंधा नमक

अगर आपके बच्‍चें को यीस्‍ट इंफेक्‍शन हो गया है तो सेंधा नमक उसके लिए कारगार साबित हो सकता है। बच्‍चे को नहलाने से पहले पानी गर्म करें और टब में डालें। इसके बाद इसमें बेकिंग सोड़ा मिलाए और सेंधा नमक डालें। अब इसमें अपने बेबी को दस मिनट के लिए बिठाएं। अब आप अपने बच्‍चें को सूखनें दे। यह उपाय आपको दिन में 2-3 बार करना चाहिए।

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करौंदे का जूस

बच्‍चें को इंफेक्‍शन और रैशेज से बचाने के लिए बच्‍चों को सीधा करौंदे का रस या क्रेनबैरी का जूस भी पिला सकती है। इसके रस में मौजूद घटक बच्चे को मूत्राशय में चिपकने वाले बैक्‍टीरिया से बचाते हैं ताकि ऐलर्जी को रोक सकें।
 
 

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