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बच्चे के न बोलने के पीछे हो सकती है टॉन्सिल इंफैक्शन

  • Edited By khushboo aggarwal,
  • Updated: 08 Oct, 2019 01:07 PM
बच्चे के न बोलने के पीछे हो सकती है टॉन्सिल इंफैक्शन

कई बार जब बच्चा लगातार रोते हुए खाना खाने से मना करता है तो पेरेंट्स समझ नही पाते है कि बच्चे को क्या कसमस्या हैं। उन्हें लगता है कि शायद उसके पेट में कोई इंफेक्शन या कोई ओर बात हैं लेकिन यह बच्चों के गले में टॉन्सिल में सूजन भी हो सकती हैं। मेडिकल भाषा में इसे टॉन्सिलाइटिस कहते हैं। 

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क्या है टॉन्सिल 

गले के दोनों तरह नरम ऊतकों की अंडाकार गांठ होती है जो कि शरीर में रोगाणुओं को प्रवेश करने से रोकती है लेकिन कई बार वायरस या बैक्टीरिया से संक्रमित होने के कारण इस जगह में सूजन व जलन होने लगती हैं। जिसे टॉन्सिलाइटिस कहते हैं।

बच्चों में इसके लक्षण 

- गले के पिछले हिस्से में ललिमा दिखाई देनी। टॉन्सिल के ऊपर पीली या सफेद परत दिखाई देती है जो कि पस भरने का संकेत होता है।
- बच्चे खाना खाने से मना करते है। कुछ भी खाने से उन्हें वह अंदर निगलने में दिक्कत होती हैं।

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- बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण बच्चों की सांसों से बदबू आने की संभावना रहती है। 
- इस दौरान बुखार हो सकता है।
- इस दौरान बच्चे बोल नही पाते है। इतना ही नहीं अंदर न निगलने की समस्या के कारण मुंह में अधिक लार इक्ट्ठी हो जाती है जो कि बाहर निकलती है।
- गले में जलन होने के कारण बच्चों को  बार- बार खांसी आती है व गले में दर्द होता है।

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- गले का दर्द धीरे- धीरे कान तक पहुंच जाता है। जिस कारण कान में खिंचाव पैदा होता है। 

 

इलाज 

बच्चों के टॉन्सिल होने पर डॉक्टर से बात कर उन्हें एंटीबायोटिक दवा दें जिससे की उन्हें आराम मिल सकें। इसी के साथ आप घर पर कुछ घरेलु नुस्खे अपना कर सकती है जिससे बच्चे को इस समस्या से थोड़ी राहत मिलेगी। 

नीम 

नीम के पेड़ की छाल में कई तरह के केमिकल जैसे टैनिन व गैलिक एसिड पाए जाते है। इसलिए छाल को पानी मेें उबाल कर थोड़ा सा सेंधा नमक डाल कर बच्चे को इसके गरारे या कुल्ला करने के लिए दें। 

नींबू 

नींबू न केवल गले की बल्कि कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता हैं। गर्म पानी में नींबू निचोड़ कर इसमें नमक व शहद मिलाकर बच्चे को पीने के लिए दें। 

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तुलसी के पत्ते

तुलसी के पत्तों को पानी में उबाल कर इसमें थोड़ा सा नींबू का रस व शहद मिलाकर बच्चे को दिन में 2 से 3 बार पीने के लिए दें। 

गरारे

गुनगुने पानी में नमक डाल कर गरारे करने से गले की समस्या को काफी आराम मिलता हैं। इसी के साथ बच्चे को मेथी दाने, हल्दी के पानी के भी गरारे करवा सकती हैं।

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