जब कोई महिला बिजनेस में कामयाबी हासिल करती है तो अपने जैसी कई औरतों के लिए प्रेरणा बन जाती है। आज हम जिस बिजनेस वुमैन की बात कर रहे हैं उनका नाम है श्रिति पांडे। न्यूयॉर्क में पढ़ाई पूरी करने के बाद श्रिति के मन में कोई ऐसा काम करने की इच्छा थी जिससे देश के किसी बड़े वर्ग का भला हो सके।
यूएस में पढ़ने के बाद गोरखपुर से शुरू किया स्टार्टअप
यूएस से कन्सट्रक्शन मैनेजमेंट में पोस्ट-ग्रैजुएशन करने बाद उन्होंने न्यूयॉर्क में एक कन्सलटेन्सी फ़र्म के साथ काम करना शुरू किया। इस दौरान एसबीआई यूथ फ़ेलोशिप में हिस्सा लिया और तय किया की वह एक ऐसे स्टार्टअप की शुरुआत करेगी जिसमें उनकी काबलियत दिखाई दे और कम पढ़े-लिखे लोगों को रोजगार भी मिल सके।
4 हफ्तों में तैयार किया जाता है घर
अपनी टीम के जरिए श्रिति कम्प्रेस्ड ऐग्री-फ़ाइबर के पैनल्स और स्टील के स्ट्रक्चर आदि का इस्तेमाल करके मज़बूत घर तैयार करती है। खास बात यह है कि वह अपने काम के जरिए पर्यावरण का खास ध्यान भी रखती है। इन पैनल्स को फसल के बाद बचने वाले अवशेष या भूसे से तैयार किया जाता है। श्रिति का कहना है कि उनकी टीम सिर्फ चार हफ्तों में घर तैयार कर लेती है। स्ट्रॉक्चर ईको ने यूरोपियन कंपनी ईकोपैनली के साथ समझौता किया है।
मिला यूथ एसेंबली इम्पैक्ट चैलेंज पुरस्कार
स्ट्रॉक्चर ईको के स्टार्टअप को यूएन द्वारा 22वीं यूथ एसेंबली इम्पैक्ट चैलेंज पुरस्कार मिल चुका है। इसकी शुरुआत 2017 में की गई थी। जिसमें ग्राहकों को लिए मनचाहा, किफायती और पर्यावरण के अनुकूल आवास तैयार किया जाता है।
फसल के अवशेष जलाने से पैदा हुआ प्रदूषण रोकना है लक्ष्य
श्रिति का उद्देश्य फसल के अवशेषों को जलने से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण पर भी नियंत्रण रखना है। इसके साथ ही, वह चाहती हैं कि लोगों को कम कीमतों में पर्यावरण के अनुकूल के घर मिल सकें। इसके अलावा घरों के निर्माण में कम से कम वक्त और खर्च हो। इससे लोगों को अच्छा रोजगार भी मिल रहा है और किसान भी भूसे से अच्छी कमाई कर रहे हैं।