ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों से संबंधित बीमारी है। जिसके लक्षण जल्दी सामने नहीं आते लेकिन धीरे-धीरे मरीज के बोन टिशू पर इसका असर पड़ता है यानि हड्डी ताकत और घनत्व खोने लगती है। इससे जरा-सी चोट लगने पर भी फेक्चर की संभावना बढ़ जाती है। पुरुषों को मुकाबले महिलाओं को यह परेशानी जल्दी घेर लेती है क्योंकि मेनोपॉज के बाद शारीरिक कमजोरी हड्डियों को बहुत नुकसान पहुंचाती है। इसके अलावा 60 साल की उम्र के बाद पुरुष भी इस बीमारी का शिकार हो सकते हैं।
क्या है ऑस्टियोपोरोसिस?
उम्र के साथ वैसे तो हड्डियों का कमजोर होना सामान्य बात है। शरीर में जब हड्डियां इतनी ज्यादा कमजोर हो जाए कि आसानी से टूटने लगे तो इस स्थिति को ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं। इससे हीप फेक्चर की संभवना बहुत ज्यादा होती है। इससे मरीज को चलने-फिरने की परेशानी भी होती है और दर्द को सहन करना बहुत मुश्किल होता है।
ऑस्टियोपोरोसिस के कारण
ऑस्टियोपोरोसिस कई कारण हो सकते हैं लेकिन इसकी प्रमुख वजह आनुवंशिक है। इसके अलावा आहार में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन डी की कमी होने से इस रोग की संभावना बहुत बढ़ जाती है। लाइफस्टाइल की गड़बड़ी भी इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण है जैसे व्यायाम न करना, धूम्रपान, खान-पान की अनदेखी, स्टेरॉयड का अधिक सेवन, शराब का सेवन आदि। बहुत ज्यादा सॉफ्ट ड्रिंक पीने और नमक का ज्यादा सेवन करने से भी यह परेशानी बढ़ जाती है।
बचाव के तरीके
ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव करने के लिए अपने खान-पान का खास ख्याल रखना बहुत जरूरी है। अगर पहले से ही हेल्दी फूड का सेवन करेंगे तो बुढ़ापे या मेनोपॉज के दौरान बीमारियों से बचाव रहेगा।
कैल्शियम युक्त आहार
अपने आहार में कैल्शियम की अनदेखी न करें। दूध, पनीर, दही, हरी पत्तेदार सब्जियां, सोया, टोफू, ब्रोकली, सैल्मन फिश, छाछ आदि को अपने आहार में शामिल करें।
नट्स का करें सेवन
ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के लिए सूखे मेवे खाएं। इसमें आप भिगे हुए बादाम, पिस्ता, मूंगफली, किशमिश आदि खाएं। इसमें फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, मैंगनीज और कैल्शियम मजबूत हड्डियों का निर्माण करते हैं।
विटामिन डी बहुत जरूरी
रोजाना सुबह कम से कम 15 से 30 मिनट की धूप सेंक लें क्योंकि विटामिन डी शरीर में कैल्शियम को अवशोषित करने का काम करता है। इसके अलावा सैल्मन फिश, टूना, मशरूम, और अंडे की जर्दी खाएं।
एक्सरसाइज नहीं करें सैर
ऑस्टियोपोरोसिस होने पर शरीर में इतना ज्यादा दर्द और कमजोरी आ जात है कि जंपिंग और स्किपिंग जैसी भारी एक्सरसाइज करना संभव नहीं होता। ऐसे में शारीरिक गतिविधियों को जारी रखने के लिए सैर, योगा कर सकते हैं।