इंटरनेट, टी.वी और सैटेलाइट के जमाने में बच्चों का ध्यान किताबों की ओर जा ही नहीं पाता। वे किताबें पढ़ना ही नहीं चाहते। बच्चे पढ़ने से मन चुराते हैं या आसानी से रीड नहीं कर पा रहे हैं तो कुछ ट्रिक्स से पेरेंट्स उनमें रीडिंग डैबिट जगा सकते हैं।
1. बचपन से ही कराएं किताबों से रू-ब-रू
बच्चों में किताबों के प्रति रूचि तभी से उत्पन्न करें। जब वह समझने के लायक हो जाए। कहने का मतवब यह है कि 2-3 साल की उम्र से ही बच्चों की किताबों से दोस्ती करवाएं। बच्चों की किताबों में दिलचस्पी जगाने का सबसे अच्छा उपाय है कि पेरेंट्स उन्हें शुरू से सब पढ़कर सुनाएं परंतु ध्यान रखें कि पढ़े जाने वाले इस मैटर में बच्चे के साथ पेरेंट्स की भी रूचि होनी चाहिए। एेसा ना होने पर वे अच्छे तरीके से बच्चों को समझा नहीं पाएंगे और बच्चे उस बात से कटने लगेंगे।
2. कहानियों से करें आकर्षित
हालांकि माता-पिता अपने बच्चों को ज्याजा से ज्यादा वक्त देते हैं परंतु जब बच्चों के पास बैठने की बात आती है तो इसमें उनको कुछ मुश्किल होती है। बच्चों को पहले कहानी सुनाकर आकर्षित करें। इसके बाद पेरेंट्स स्टोरी का एक बैंक बना कर रखें ताकि बच्चे इन्हें सुन या देख सकें। इस तरह धीरे-धीरे बच्चों में किताबों के प्रति रूचि जागेगी।
3. बच्चे की पसंद भी जानें
यदि एक बार बच्चे को कोई किताब पसंद आ जाए तो वह उसको तब तक पढ़ेगा जब तक उसे पूरी तरह से समझ ना लें। कुछ बच्चे टी.वी प्रोग्राम को एक्स्पलोर कर सकते हैं। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप भी अपने बच्चों में किताबों के प्रति रूचि पैदा कर सकते हैं।
4. रीडिंग हैबिट्स डालें
बहुत कम माता-पिता बच्चों में रीडिंग हैबिट्स डालते हैं। रोजाना कुछ देर पढ़ने से रीडिंग हैबिट्स बढ़ने लगती है। यदि बच्चे की नींव मजबूत होगी तो उसका भविष्य उज्जवल रहेगा।
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