पंजाब केसरी (सेहत): बदलते लाइफस्टाइल और खान-पान की वजह से लोग किसी न किसी सेहत से जुड़ी बीमारी से ग्रस्त ही रहते हैं। वहीं कैंसर के मरीजों की संख्यां तो दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका सही समय पर इलाज शुरू न किया जाए तो यह जानलेवा तक बन जाती है। आमकर महिलाएं अपनी इस बीमरी को डॉक्टर या दूसरों से बताने से परहेज करती हैं। इसी वजह से यह बीमारी धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर लेती है। क्या आपने सोचा है कि आपके द्वारा इस्तेमाल की कई तकनीक भी आपको कैंसर का मरीज बना सकती है। कैंसर के कुछ मरीज इस बात से अंजान होते है कि उन्हें इस भयंकर बीमारी की चपेट में उनके द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा सैल फोन की लेकर आया है। आइए जानते है कैसे मोबाइल फोन कैंसर की बीमारी को बुलावा देता है।
दरअसल मोबाइल फोन टावर के रेडिएशन उत्सर्जन से स्वास्थ्य को दिनों-दिन नुकसान पहुंचाते है। हालांकि, टोलीकॉम आपरेट लंबे समय से ऐसा होने की आंशका से इंकार कर रहे है लेकिन वैज्ञानिकों के समुदाय इन दोनों के संबंध के बारे में काफी समय से विचार कर रहे है। वैज्ञानिकों का कहना है कि टावर से कितनी दूरी से विकिरण और कितनी अवधि तक के लगातार विकिरण के संपर्क में रहने से कैंसर की बीमारी हो सकती है।
शोधकर्ताओं की 2004 की रिसर्च के अनुसार, जो लोग लंबे समय से मोबाइल टावर के 350 मीटर के दायरे में रहते हैं, उन्हे कैंसर होने की संभावना 4 गुणा बढ़ जाती है। इतना ही नहीं जर्मन के शोधकर्ताओं के मुताबिक मुबाइल टावरों के 400 मीटर के दायरे में एक दश्क से रह रहे लोगों को अन्य लोगों की तुलना में कैंसर का अनुपात ज्यादा है।