महिलाएं चुनौतियों का सामना कर जब सफलता के पथ पर आगे बढ़ती हैं तो लोगों का उनके प्रति नजरियां पूरी तरह से बदल जाता है। माउंट मनीरंग देश की सबसे ऊंटी चोटियों में से एक है। जिसको फतह करने के लिए महिला पर्वातारोही 19 सदस्यों का एक दल जानी-मानी पर्वतारोही सुश्री बिमसा नेगी कर रही हैं। नेगी साल 1993 में माउट एवरेस्ट पर पहुंचे महिला दल में भी शामिल थीं।
अब माउंट मनीरंग अभियान में भी वह इस दल का मार्गदर्शन करेंगी। महिला पर्वतारोही के इस दल में उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, झारखंड, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, मणिपुर और हिमाचल प्रदेश की युवा बेटियों के अलावा 1993 की पर्वतारोहियों के दल की 9 सदस्य भी इसमें शामिल हो गई हैं। बता दें की समुद्र तल से इस चोटी की ऊंचाई लगभग 21,631 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।
इस दल के 24 अगस्त को माउंट मनीरंग पर पहुंचने की संभावना है। महिला पर्वतारोही दल के प्रति किए गए इस प्रयास के लिए कर्नल राठौर ने भारतीय पर्वतारोहण फांउडेशन के प्रयासों की सराहना की और कहा कि यदि अवसर दिए जाएं तो लड़कियां भी चुनौतियों का सामना कर अपनी पहचान बना सकती हैं।
इससे पहले साल 1993 में भी माउंट एवरेस्ट अभियान पर भारत-नेपाल महिला पर्वतारोही दल को भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन की ओर से भेजा गया। तब महिलाओं के लिए यह प्रयास पहली बार किया गया था। इस अभियान में 18 लोगों ने माउंट एवरेस्ट पर फतह किया था और एक ही देश की 6 महिला पर्वतारोहियों का माउंट एवरेस्ट पर पहुंचना भी शामिल था। औरतों को अलग सरकार की तरफ से बढ़ावा मिलता रहे तो वे दुनिया में अपनी काबलियत का हुनर दिखा सकती हैं।
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