कैंसर जैसे गंभीर रोग से जूझ रहे मरीजों को जब कीमोथैरेपी दी जाती है तो इससे उनके बाल झड़ने लगते है। इस पर अंकुश लगाने के लिए टाटा अस्पताल इम्पोर्टेड तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। रिसर्च में पता चला कि तकनीक की मदद से पहले की तुलना में अब मरीजों के बाल कम झड़ रहे हैं।
बात दें कि टाटा अस्पताल ने बाहर से स्कैल्प कूलिंग तकनीक आई हैं। इस तकनीक में दवाई से बालोंपर होने वाला असर कम होगा। यह तकनीक टाटा अस्पताल द्वारा 2 साल पहले लाई गई थी। स्तन कैंसर से जूझ रही 50 महिलाओं पर इसका ट्रायल किया गया।
ट्रायल में देखा गया कि रेडिएशन थैरेपी के बाद मरीज के 56 फीसदी तक बाल बच जाते हैं और 85 प्रतिशत बाल फिर से आ जाते हैं जबकि पहले मरीज के सारे बाल झड़ जाते थे। स्कैल्प कूलिंग तकनीक की मदद से इलाज से पहले व दौरान व काफी बादद मरीजों के सिर के तापमान को काफी ठंडा कर दिया जाता है। जिससे सिर तक रक्त का बहाव कम हो जाता है और बालों की जड़ों को काफी कम क्षति पहुंचती हैं। मरीजों को टोपी पहनाई जाती है जिसमें ट्यूब लगे होते है जो काफी ठंडे होते हैं। डॉक्टरों की मानें तो बाल न होने के कारण कई बार बच्चों का आत्मबल टूट जाता है। इस तकनीक की मदद से अब यह समस्या भी दूर हो जाएगी।
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