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14% औरतें किडनी प्रॉब्लम से हैं परेशान, जानिए कारण और बचाव के तरीके

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 08 Apr, 2019 06:32 PM
14% औरतें किडनी प्रॉब्लम से हैं परेशान, जानिए कारण और बचाव के तरीके

किडनी शरीर का बहुत अहम हिस्सा है। यह खून से निकलने वाले बेकार और तरल पदार्थ जिसे क्रिएटनिन कहते हैं, यह इसे छानकर शरीर से बाहर निकाल देती है। जब किडनी काम करना बंद कर देती है तो शरीर में बेकार पदार्थ जमा होने शुरू हो जाते हैं। सही समय पर इसे पहचान न पाने और इलाज में अनदेखी करने से यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है।

 

19.5 करोड़ महिलाएं किडनी की समस्या से पीड़ित

एक रिसर्च के मुताबिक, पुरुषों के मुकाबले औरतों में किडनी की बीमारिया ज्यादा होती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 30 साल की उम्र पार करने के बाद महिलाओं में गुर्दे से जुड़ी परेशानियों का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। दोनों का औसत निकाला जाए तो महिलाओं गंभीर किडनी रोग की समस्‍या 14% तो पुरूषों में यह बीमारी 12% आंकी गई है। वहीं पूरे विश्व में 19.5 करोड़ महिलाएं किडनी की समस्या से पीड़ित है।

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गंभीर किडनी रोग से महिलाओं की मौत ज्‍यादा

गंभीर किडनी रोग की वजह से औसतन 6 लाख महिलाओं की मौत उपचार के आभाव में हो जाती है। आमतौर महिलाओं में गंभीर किडनी रोग यूटीआई इंफेक्‍शन (मूत्र मार्ग में संक्रमण) की वजह से होता है। इसकी वजह से ब्‍लैडर और टयूब भी प्रभावित होती हैं। इसके अलावा गलत लाइफस्टाइल, डायबिटीज, मोटापा और हाई ब्लड प्रैशर की वजह से भी वो इस बीमारी की चपेट में आ जाती हैं।

किडनी रोग के कारण

महिलओं में गंभीर किडनी रोग का मुख्‍य कारण प्रतिकूल गर्भावस्‍था परिणाम और कम प्रजनन क्षमता भी है। हालांकि, गंभीर किडनी रोग के बावजूद भी महिलाओं को गर्भावस्था और जन्म दोनों के दौरान पूर्व-एक्लम्पसिया व अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा हो सकता है, जो रक्तचाप बढ़ाने से गुर्दे पर तनाव पैदा कर सकते हैं। इसी कारण से, सभी गर्भवती महिलाओं के लिए उचित देखभाल महत्वपूर्ण है।

अन्य कारण

ऐसे बहुत से कारण है जिसकी वजह से महिलाएं जल्दी किडनी से जुड़ी बीमारी की चपेट में आ जाती हैं। भरपूर नींद ना लेना, देर तक पेशाब रोकना, जरूरत से ज्यादा दर्द निवारक दवाओं का सेवन, खून की कमी और खाने में ज्यादा नमक आदि किडनी को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं।

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किडनी रोग के लक्षण

ठंड लगना
ब्लड प्रैशर ज्यादा होना
त्वचा में खुजली होना
कमजोरी और थकान
शरीर के कई हिस्सों में सूजन
भूख का कम या ज्यादा होना
मुंह से बदबू आना
पेशाब के समय जलन होना
बार-बार पेशाब आना

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कैसे करें किडनी डिटॉक्स?

-दिनभर में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी पीएं। इससे विषैले टॉकसिंस यूरिन के रास्ते बाहर निकल जाएंगे।
-ताजे फल व जूस किडनी की सफाई का काम करते हैं। फलों में पोटैशियम की भरपूर मात्रा होती है, जो किडनी को हेल्दी रखने में मदद करता है।
-हरी और पत्‍तेदार सब्जियों का भी खूब सेवन करें। इससे भी किडनी डिटॉक्स होती है।
-किडनी से विषैले पदार्थों बाहर निकालने के लिए सुबह उठने के बाद पेशाब जरूर करें। दरअसल, रातभर में मूत्राशय पूरी तरह यूरिन से भर जाता है, जिसे  सुबह उठते ही खालीकरने की जरूरत होती है।
-फाइबर युक्त फूड्स खाएं, जिसमें ब्राउन राइस, ताजे फल और सब्जियां, चुकंदर, मूली, पत्तागोभी, ब्रोकली शामिल हो। ये डिटॉक्सीफिकेशन के बहुत अच्छे स्त्रोत हैं।

स्वस्थ किडनी के लिए क्या करें?

हर रोज आहार में सेब को जरूर शामिल करें। फाइबर युक्त सेब किडनी के लिए बहुत फायदेमंद है। 
दिन में एक बार अदरक की चाय पीने से लाभ होता है। 
खाने के साथ प्याज का स्लाद खाने से भी किडनी को फायदा मिलता है। 
लाल शिमला मिर्च भी किडनी के लिए बैस्ट है। 
दही का सेवन करने से किडनी की इंफैक्शन दूर हो जाती है। 
भरपूर पानी का सेवन पीएं। इससे विषैले टॉक्सिंस बाहर निकल जाते हैं और किडनी में जमा नहीं होते।
10 ग्राम पीपल और नीम की छाल को पानी में उबाल लें। रोजाना इस पानी का सेवन आपकी किडनी को खराब होने से बचाता है।
उच्च रक्तचाप, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रैशर को कंट्रोल में रखें।
नियमित रूप से व्यायाम करें और शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।

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इन चीजों से करें परहेज

धूम्रपान व शराब से दूरी
अलग-अलग तरह की डाइट को करें अवॉइड
प्रोटीन से भरपूर आहार कम खाएं।
डाइट में सोडियम की मात्रा कम करें। 
पोटैशियम से भरपूर आहार कम कर दें। 
हाई फॉस्फोरस फूड से भी रहें दूर।

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