पेरेंटिंग: पेरेंट्स बनना जितना आसान होता है, बच्चों की सही ढंग से परवरिश करना उतना ही कठिन होता है। खासतौर पर जब पति-पत्नी दोनों वर्किंग होते है। तब चुनौती और बढ़ जाती है।
पेरेंट्स अपने बच्चों के गलती करने पर उनको इस ढ़ंग से बोलने लगते है, जिनका उनके मन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। माता-पिता का इन बातों सुन कर बच्चे सुधरने के बजाएं डरपोक बन जाते है और हिंसक बन जाते है। ऐसे में पेरेंट्स को कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है ताकि बच्चोें का पर्सनैलिटी डेवेलपमेंट हो सकें।
आइए जानते है पेरेंट्स को अपने बच्चों से कौन सी बात नहीं कहनी चाहिए।
1. मैं भी बढ़ाई में ऐसे ही थी/था
अगर बच्चा पढा़ई में अच्छे ग्रेड्स नहीं ला पाता तो कुछ पेरेंट्स उसे संभालने के लिए मैं भी पढाई में ऐसे ही था या थी। इस बात को सुनकर बच्चा पढाई को लेकर लापरवाह हो सकता है। इसलिए बच्चे पर ज्यादा दबाव भी न डाले और उन्हें रिलैक्स भी न छोड़ें।
2. पापा से शिकायत
आमतौर बच्चे मां से ज्यादा अपने पिता से डरते है। परन्तु बार-बार पापा के नाम की धमकी देकर आप बच्चों को अनुशासित भी ठीक नहीं है। इससे बच्चों के मन पिता के लिए सम्मान की बजाएं खौफ बेठ जाता है।
3. बच्चों को ताना देना
पेरेंट्स कई बार बच्चों को ताना मारने लगते है। ऐसे बच्चों को ताना देने से बच्चो गुस्सैल और चिढ़चिढ़े हो जाते हैं। वह बात-बात पर जिद्दी होने लगते हैं।
4. तुम खूबसूरत नहीं
कई बार पेरेंट्स न चाहते हुए भी बच्चों भेदभाव दर्शा देते हैं। अपने बच्चे की तुलना किसी दूसरे बच्चे से न करें। इससे बच्चे में हीन भावना पनपने लगेगी।
5. बच्चों की डाइट
कुछ पेरेंट्स बच्चे की डाइट को लेकर भी बात का बतंगड़ बनाने लगते है, जिससे बच्चा इन बातों को सुनकर खाना-पीना भी छोड़ सकता है।