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थायरॉयड में दिखाएंगी ये 4 जड़ी बूटियां गजब का कमाल

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 07 Jun, 2019 01:54 PM
थायरॉयड में दिखाएंगी ये 4 जड़ी बूटियां गजब का कमाल

गर्दन के बिल्कुल नीचे के हिस्से में मौजूद थायरॉयड ग्रंथि हमारे शरीर में एक अहम भूमिका निभाती है। यह ग्रंथि हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियमित करने का काम करती है। हमारे शरीर में प्रत्येक अंग के काम करने की एक नियमित सीमा होती है, परंतु जब शरीर का कोई भाग अपनी लिमिट से कम या अधिक बढ़कर काम करता है, तो वही अंग बीमारी का रुप ले लेता है। थायरॉयड की प्रॉब्लम में रोजाना दवाई के सेवन करना पड़ता है, लेकिन ऐसी कुछ जड़ी बूटियां भी हैं जिनका सेवन करके हम इस नैचुरल तरीके से इस बीमारी से होने वाले नुकसानों से बच सकते हैं। 

थायरॉयड होता कैसे है ?

आपका थायरॉयड,थायराइड हार्मोन का उत्पादन करता है, जो आपके शरीर में कई गतिविधियों को नियंत्रित करता है, जिसमें आपके शरीर की कैलोरी तेजी से बर्न होती है। थायरॉयड की प्रॉबल्म में या तो हार्मोन बहुत तेजी से बनते हैं, या फिर बहुत कम स्पीड से। इसी वजह से इस बीमारी में कई लोगों का वजन तेजी से बढ़ना शुरु हो जाता है, और कई लोगों का वजन कम हो जाता है। महिलाओं में पुरुषों की तुलना में थायरॉयड रोग होने की अधिक संभावना रहती है, खासतौर पर गर्भावस्था के बाद इस बीमारी के होने के चांसिस ज्यादा बढ़ जाते हैं। इस रोग में दवाईयों से ज्यादा परहेज की जरुरत होती है। अपनी दवाई को रेगुलर रखने के साथ आप कुछ देसी जड़ी बूटियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए जानते हैं थायरॉयड की प्रॉब्लम में कौन सी जड़ी बूटीयां आपके लिए फायदेमंद रहेंगी।

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अश्वगंधा

अश्वगंधा में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुणों के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। थायरॉड ग्लैंड में आई हुई विनियमता को यह देसी बूटी बैलेंस करने में बहुत मदद करती है। अश्वगंधा एक प्राकृतिक और शक्तिवर्धक औषधि है। अश्वगंधा की मदद से थाइरॉइड पर नियंत्रण किया जा सकता है। इसके लिए आप चाहें तो आप चाहे तो इसकी पत्तियों या जड़ों को उबाल कर पी सकते हैं।

लिकोरिस ( मुलेठी ) 

मुलेठी कैल्शियम, ग्लिसराइजिक एसिड, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटीबायोटिक, प्रोटीन और वसा के गुणों से भरपूर होती है। गले से संबंधित बीमारीयों के ठीक करने के लिए इस जड़ी बूटी का उपयोग सदियों से होता आ रहा है। यह जड़ी बूटी ग्रंथियों के बीच संतुलन बनाए रखने का काम करती है। साथ ही थायरॉयड के कारण शरीर में महसूस होने वाली कमजोरी को कम करने में लिकोरिस आपना पूरा योगदान देती है। 

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अलसी का बीज

अक्सर थायरॉयड की बीमारी से पीड़ित लोगों का गला बैठा या फिर खराब रहता है। उसके लिए आप बीजों से काढ़ा बना लें। इसे सुबह और शाम पीने से खांसी लाभ होता है। इसी तरह 3 ग्राम अलसी के चूर्ण को उबलते हुए पानी में डालकर 1 घण्टे तक उबालें। इसमें थोड़ी चीनी भी मिला सकते हैं। अलसी का बीज में मौजूद फैटी एसिड थायराइड हार्मोन के उत्पादन को बढ़ने से रोकने में मदद करते हैं।

अदरक

थायराइड एक साइलेंट किलर बीमारी होती है। अगर आप थायराइड की समस्या से छुटकारा  पाना चाहते हैं, तो रोजाना अदरक का सेवन करना शुरु कर दीजिए। अदरक में भरपूर मात्रा में पोटाशियम और मैग्नीशियम जैसे तत्व मौजूद होते हैं, जो थायराइड की बीमारी से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। अदरक में भरपूर मात्रा में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जो थायराइड को बढ़ने से रोकते हैं, और उसकी कार्यप्रणाली में सुधार लाने का काम करते हैं।
 

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